अपडेटेड 30 May 2025 at 23:31 IST
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से जवाबी कार्रवाई के दौरान तुर्किए का पाकिस्तान का साथ देना काफी महंगा पड़ रहा है। एक तरफ भारत की आम जनता से लेकर व्यापारी तक तुर्किए का विरोध कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर सरकार का भी एक्शन सामने आया। तुर्किए के साथ इंडिगो एयरलाइंस की डील को लेकर केंद्र ने अल्टीमेटम दे दिया है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इंडिगो को तीन महीने के अंदर तुर्किए के साथ डील खत्म करने के लिए कहा है।
डीजीसीए ने इंडिगो को डैम्प-लीज विमान के लिए तुर्किए एयरलाइंस के साथ अपनी डील को खत्म करने के लिए जून से अगस्त 2025 तक समय दिया है। इंडिगो को तुर्किए एयरलाइंस से ‘डैम्प लीज़’ समझौते के तहत 31 मई, 2025 तक दो बी777-300 ईआर (विस्तारित रेंज) विमान संचालित करने की अनुमति थी।
बता दें, इससे पहले इंडिगो ने B777-300 एक्सटेंडेड रेंज एयरक्राफ्ट का उपयोग करने के लिए तुर्किए एयरलाइंस के साथ अपने डैम्प-लीज समझौते के लिए 6 महीने का विस्तार मांगा था। हालांकि, विमानन नियामक ने इस पर सहमति नहीं जताई। डीजीसीए ने केवल 3 महीने का एक बार और अंतिम विस्तार दिया है।
तीन महीने की यह छूट उन यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए दी गई है, जिन्होंने अपनी यात्रा की योजना बनाई होगी। डीजीसीए ने यह भी स्पष्ट किया है कि इंडिगो इन परिचालनों के लिए आगे कोई विस्तार नहीं मांग सकेगी। डीजीसीए ने अपने बयान में कहा है, "इंडिगो इस समय में तुर्किए एयरलाइन से डैम्प लीज के तहत दो बी777-300ईआर विमानों का परिचालन कर रही है, जिसकी अनुमति 31.05.2025 तक थी। इंडिगो ने इसे छह महीने के लिए और बढ़ाने का अनुरोध किया, जिसे स्वीकार नहीं किया गया।"
विमानन निकाय की तरफ से कहा गया, "हालांकि, तत्काल उड़ान व्यवधान के कारण यात्रियों होने वाली असुविधा से बचाने के लिए, इंडिगो को इन डैम्प लीज विमानों के लिए 31.08.2025 तक तीन महीने का एकमुश्त आखिरी विस्तार दिया गया है, जो एयरलाइन की इस बात पर आधारित है कि वे इस विस्तार अवधि के भीतर तुर्की एयरलाइन के साथ डैम्प लीज को समाप्त कर देंगे और इन परिचालनों के लिए कोई और विस्तार नहीं मांगेंगे।"
इतना ही नहीं, लोग तुर्किए जाने का प्लान भी कैंसिल कर रहे हैं। इससे तुर्किए को भारी नुकसान भी झेलना पड़ रहा है। वहीं भारत में फलों के व्यापारी जोर-शोर से तुर्किए के फलों का विरोध करते नजर आ रहे हैं। फल बाजार के व्यापारियों का कहना है कि देश में करोड़ों क फल व्यापार तुर्किए के साथ होता था। ऐसे में भारत की ओर से इस विरोध का तुर्किए को भारी पड़ रहा है।
पब्लिश्ड 30 May 2025 at 23:31 IST