अपडेटेड 27 March 2024 at 07:43 IST

बंबई हाईकोर्ट ने घरेलू हिंसा मामले में पीड़िता को 3 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश बरकरार रखा

बंबई उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें पति को अलग रह रही पत्नी को तीन करोड़ रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया गया था।

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Bombay High Court
बंबई हाईकोर्ट | Image: PTI/ Representational

बंबई उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें पति को अलग रह रही पत्नी को तीन करोड़ रुपये का मुआवजा और डेढ़ लाख रुपये का मासिक गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया गया था। जुलाई 2017 में महिला ने 'मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट' की अदालत के समक्ष घरेलू हिंसा अधिनियम के प्रावधानों के तहत अपने पति के खिलाफ मामला दायर किया था। 

न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख ने घरेलू हिंसा मामले में अपने 22 मार्च के आदेश में कहा कि यह राशि महिला को न केवल शारीरिक चोटों के लिए बल्कि मानसिक यातना और भावनात्मक परेशानी के मुआवजे के रूप में दी गई है। 

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न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख ने घरेलू हिंसा मामले में आदेश में कहा कि यह राशि महिला को न केवल शारीरिक चोटों के लिए बल्कि मानसिक यातना और भावनात्मक परेशानी के मुआवजे के रूप में दी गई है। जुलाई 2017 में महिला ने 'मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट' की अदालत के समक्ष घरेलू हिंसा अधिनियम के प्रावधानों के तहत अपने पति के खिलाफ मामला दायर किया था। 

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 27 March 2024 at 06:59 IST