अपडेटेड 9 July 2024 at 18:11 IST
Kathua Terrorist Attack: जम्मू कश्मीर के कठुआ में बीते दिन हुए आतंकी हमले में उत्तराखंड के पांच जवान वीरगति को प्राप्त हुए। पूरा देश उन्हें नम आंखों के साथ श्रद्धांजलि दे रहा है। पांच जवान उत्तराखंड के रहने वाले थे।
आज (9 जुलाई) को पांचों शहीद जवानों के शव उत्तराखंड लाए गए, जहां उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
शहीद जवानों का पार्थिव शरीर जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर लाया गया। उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पुष्प अर्पित कर जवानों को श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा बीजेपी सांसद और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
बता दें कि सोमवार (8 जुलाई) को कठुआ में आतंकियों के कायराना हमले में पांचों जवान शहीद हुए हैं। कठुआ के बदनोटा इलाके में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने गश्ती दल पर घात लगाकर हमला किया था। हमले में पांच जवान शहीद हुए और कई घायल भी हो गए थे।
इस आतंकी हमले में कीर्ति नगर ब्लॉक थाती डागर निवासी राइफलमैन आदर्श नेगी, रुद्रप्रयाग के नायब सूबेदार आनंद सिंह, लैंसडाउन निवासी हवलदार कमल सिंह, टिहरी गढ़वाल निवासी नायक विनोद सिंह और रिखणीखाल निवासी राइफलमैन अनुज नेगी शहीद हुए हैं।
शहीद जवानों में सूबेदार आनंद सिंह थे, जो रुद्रप्रयाग जिले के कांडा भरदार गांव के निवासी थे। वह छह महीने पहले ही अपने परिवार से मिलने के लिए देहरादून आए थे। इस दौरान कुछ समय उन्होंने गांव में बिताया। आनंद सिंह रावत ने साल 2001 में सेना में भर्ती होकर देश की सेवा शुरू की थी।
उनके परिवार में उनकी पत्नी विजया रावत (38) और उनके दो बेटे, 16 वर्षीय मनीष और 13 वर्षीय अंशुल हैं। वर्तमान में वह देहरादून के मियांवाला शिवलोक कॉलोनी के पास रहते हैं। वहीं शहीद की मां 70 वर्षीय मोली देवी और उनका बड़ा भाई कुंदन सिंह रावत गांव कांडा में रहते हैं।
इससे पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आतंकी हमले और जवानों की शहादत पर दुख जताया था। उन्होंने कहा, "प्रदेशवासियों के लिए अत्यंत पीड़ा का क्षण है क्योंकि हमने भाई और बेटा भी खोया है। हमारे रणबांकुरों ने उत्तराखण्ड की समृद्ध सैन्य परंपरा का पालन करते हुए मां भारती के चरणों में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।"
उन्होंने कहा कि मां भारती की रक्षा करते हुए आतंकवाद के विरुद्ध आपका यह सर्वोच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। इस कायरतापूर्ण हमले के दोषी, मानवता के दुश्मन आतंकवादी किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएँगे और इनको पनाह देने वाले लोगों को भी इसके परिणाम भुगतने होंगे।
पब्लिश्ड 9 July 2024 at 17:58 IST