अपडेटेड 9 June 2023 at 16:26 IST
पीपल के पेड़ में जल चढ़ाने से आती है कृपा, अगर इन नियमों का नहीं करेंगे पालन तो हो सकता है नुकसान!
पीपल के पेड़ में चल चढ़ाने और पूजा करने के कुछ नियम है। शास्त्रो के मुताबिक अगर इन नियमों का पालन नहीं किया जाता है तो कृपा की जगह नुकसान हो सकते हैं।
- भारत
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Peepal tree worship on Saturday: हिंदू शास्त्र के मुताबिक पीपल के पेड़ को काफी पवित्र माना गया है साथ ही इसकी पूजा का भी विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस पेड़ में कई देवताओं का वास होता है खासकर ये पेड़ भगवान विष्णु का निवास स्थान माना जाता है। ऐसे में जो व्यक्ति इस पेड़ में नियम पूर्वक जल चढ़ाता है और इसमें शनिवार के दिन दीपक जलाता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और शनि देव की कृपा प्राप्त होती है।
मान्यता है कि शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा विशेष फलदायी होती है। वहीं अगर इस दिन कुछ उपाय किए जाए तो शनि की साढ़े साती से जल्द ही मुक्ति मिलती है। साथ ही साथ घर में पैसों को लेकर चल रही परेशानी भी धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं और कई कष्टों का भी निवारण होने लगता है, लेकिन पीपल के वृक्ष की पूजा करने वाले व्यक्ति को कई नियमों के पालन का विशेष ध्यान देना होता है। शनिवार के दिन पीपल के पेड़ में दीपक जलाने का विशेष महत्व माना जाता है, लेकिन दीपक जलाने का एक समय होता है अगर आप उस शुभ समय में ये काम करते हैं तभी आपको पूजा का फल मिलेगा। आइए जानते हैं वो कौन सा टाइम है।
पीपल के वृक्ष की पूजा करते समय इन नियमों का करें
- अगर आप नियमानुसार पीपल के पेड़ की पूजा-अर्चना करते हैं तो ऐसे में सुबह 7 बजे से 10 बजे तक का समय शुभ माना जाता है। वहीं अगर आप शाम को पीपल के वृक्ष की पूजा करते हैं तो 5 से 7 बजे का समय शुभ माना जाता है।
- वहीं पीपल के पेड़ में चल चढ़ाने के भी कुछ नियम है। शास्त्रो के मुताबिक रविवार के दिन पीपल के पेड़ में जल नहीं चढ़ाना चाहिए। कहा जाता है कि इस दिन वृक्ष पर जल चढ़ाने से जीवन में दरिद्रता आती है।
- कहा जाता है कि पीपल के वृक्ष में त्रिदेव यानी भगवान शिव, ब्रह्मा और विष्णु का वास होता है। इसलिए इसे सभी पौधों से पवित्र माना जाता है। अगर आप पीपल के वृक्ष में नियम पूर्वक सही समय और शुभ दिन के अनुसार जल चढ़ाती हैं और दीपक जलाती हैं तो आपको त्रिदेव की विशेष कृपा मिलती है और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
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Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 9 June 2023 at 16:21 IST