अपडेटेड 2 April 2024 at 14:25 IST

'अरविंद केजरीवाल को बचाने के लिए बलि का बकरा ढूंढती है AAP', आतिशी के बयान पर BJP का पलटवार

केजरीवाल को 15 अप्रैल तक तिहाड़ जेल भेज दिया गया। आप उन्हें बचाने का प्रयास कर रही है तो भाजपा नैतिकता को लेकर सवाल पूछ रही है।

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Arvind Kejriwal & Shehzad Poonawalla
अरविंद केजरीवाल और शहजाद पूनावाला | Image: ANI/PTI

BJP Questions Kejriwal Morality:  भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने दिल्ली के सीएम से इस्तीफा मांगा है। अन्ना हजारे, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की याद दिला कहा है कि उनका चेहरा बेनकाब हो गया है। हम उनकी राजनीति का बदलता चेहरा सबके सामने है। खासतौर पर रामलीला में हुई रैली के बाद।

1 अप्रैल को ही दिल्ली के सीएम की कोर्ट में पेशी हुई। उन्हें जेल भेज दिया गया। इससे पहले ईडी हिरासत में रहे केजरीवाल ने दो आदेश भी जारी किए। इसे नीतिगत नहीं माना गया।

स्वराज से शराब वाले खो चुके नैतिक आधार

शहजाद पूनावाला ने अपने बयान में कहा है कि केजरीवाल के लिए आप ने बलि का बकरा ढूंढा है। बोले- स्वराज से शराब, झाड़ू से दारू, अन्ना हजारे लालू और लालू, मुलायम, राहुल और सोनिया का इस्तीफा मांगने से लेकर उनसे हाथ मिला ये कहने तक कि मेरा इस्तीफा न लेने की गुजारिश करने फिर भ्रष्टाचार हटाओ से भ्रष्टाचार बचाओ तक बहुत बड़ा बदलाव दिखा है। आज वो कह रहे हैं कि सरकार जेल से चलाएंगे।

बलि का बकरा ढूंढा गया...

भाजपा नेता ने आगे कहा-  अगर सरकार जेल से चल सकती है वो भी तब जब वो खुद कहा करते थे कि आरोप लगने पर ही इस्तीफा ले लिया जाना चाहिए, तो फिर उन्होंने मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन का इस्तीफा क्यों लिया? स्पष्ट है कि केजरीवाल को बचाने के लिए वो (आप) बलि का बकरा ढूंढ रहे थे...इसलिए उन्होंने कोर्ट में कहा कि मंत्री उनके घर आते थे...वो फैसला लेते थे तब भला मैं कैसे जान सकता हूं...फिर कैलाश गहलोत को बुलाया गया...आतिशी को जानकारी होगी...एनडी गुप्ता ने भी किसी और पर आरोप थोपना चाहा..आतिशी से पूछा गया तो उन्होंने सौरभ भारद्वाज पर ठीकरा फोड़ दिया...और आज मीडिया रिपोर्ट्स बता रही है कि केजरीवाल ने आतिशी और भारद्वाज को निशाने पर लिया है...

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'केजरीवाल की चाल'

पूनावाला ने आगे कहा- केजरीवाल की ये पुरानी चाल रही है... अपने आपको बचाने के लिए वो किसी भी हद तक जा सकते हैं...जब वो अन्ना हजारे और आप के अन्य वरिष्ठ नेताओं को ठिकाने लगा सकते हैं तो आतिशी और सौरभ कहां  टिकते हैं...उनके प्रति सहानुभूति है...लेकिन आज का सवाल यही है कि क्या केजरीवाल उस पद पर बने रहने का नैतिक आधार रखते हैं वो भी तब जब वो महज आरोप के बल पर इस्तीफे की मांग करते थे।

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Published By : Kiran Rai

पब्लिश्ड 2 April 2024 at 13:54 IST