अपडेटेड 1 December 2022 at 19:57 IST
BJP सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने 2008 Malegaon Blast मामले में आरोपमुक्त करने की याचिका ली वापस, कोर्ट ने कही ये बात
BJP सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर (MP Pragya Singh Thakur) ने 2008 मालेगांव ब्लास्ट (Malegaon Blast) मामले की सुनवाई से बरी होने की मांग करने वाली याचिका वापस ले ली।
- भारत
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भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर (MP Pragya Singh Thakur) ने 2008 मालेगांव ब्लास्ट (Malegaon Blast) मामले की सुनवाई से बरी होने की मांग करने वाली याचिका वापस ले ली। प्रज्ञा ठाकुर ने बाम्बे हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर खुद को मालेगांव ब्लास्ट मामले की सुनवाई से बरी होने की मांग की थी।
हाई कोर्ट के जस्टिस एएस गडकरी की अगुवाई वाली पीठ ने ठाकुर को याचिका वापस लेने की अनुमति दी। इससे पहले, पीठ ने प्रज्ञा ठाकुर से कहा था कि उनकी याचिका पर ट्रायल का विचार एडवांस स्टेज में पहुंच गया था।
2008 मालेगांव ब्लास्ट केस
29 सितंबर, 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में एक मस्जिद के बाहर बम ब्लास्ट हुआ। इस ब्लास्ट में 6 लोग मारे गए और 100 से अधिक अन्य घायल हो गए। मामले में भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित, सुधाकर चतुर्वेदी, रमेश उपाध्याय, अजय राहिकर, समीर कुलकर्णी और सुधाकर द्विवेदी आरोपी बनाए गए।
शुरुआत में महाराष्ट्र ATS ने इस मामले की जांच की थी, लेकिन बाद में इसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को ट्रांसफर कर दिया गया था। हालांकि NIA और कोर्ट के सामने अब तक 29 गवाह अपने बयान से मुकर चुके हैं।
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ब्लास्ट के मामले में UAPA की धारा 16 (आतंकवादी कृत्य करना) और 18 (आतंकवादी कृत्य करने की साजिश रचना) और धारा 120 (B) (आपराधिक साजिश), 153 (A) (दो धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास) और 324 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) IPC के तहत मामला दर्ज किया गया है। FIR में विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की प्रासंगिक धाराएं भी शामिल हैं।
मालेगांव ब्लास्ट पर रिपब्लिक के एक्सक्लूसिव खुलासे
रिपब्लिक ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) का एक बयान एक्सेस किया है, जिसमें यह बताया गया है कि लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित को कथित तौर पर इस ब्लास्ट के मामले में 'फंसाया' गया था। रिपब्लिक को मिले इस बयान में, एक गवाह ने NIA के सामने कहा था कि उसे धमकी दी गई थी कि उसे लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित की तरह फंसाया जाएगा। जिस गवाह का बयान सामने आया है, वह स्वयं एक सैन्यकर्मी है, उसकी पहचान उजागर नहीं की गई है। गवाह ने कहा,
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"यह कहना सही है कि श्रीवास्तव ने मुझे धमकी भी दी थी कि वह मुझे भी इस मामले में फंसा देगा, जैसा कि पुरोहित को फंसाया गया है।" पहले खुलासे में रिपब्लिक ने बताया था कि, इस मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित समेत सभी आरोपियों का नार्को टेस्ट किया गया था। हालांकि, जिन अभियुक्तों ने अपने बचाव के लिए नार्को टेस्ट के रिजल्ट के लिए अदालत में याचिका दी थी। उन्हें रिपोर्ट नहीं दिए गए। क्योंकि रिपोर्टों पर कभी भरोसा नहीं किया गया था। दूसरे खुलासे में रिपब्लिक ने बताया कि, महाराष्ट्र ATS की पूरी जांच सवालों के घेरे में हैं। सेना के 5 जवानों ने, जो अपने बयान से पलट गये थे, उन्होंने बताया था कि उनके बयान मनगढ़ंत थे।
Published By : Nripendra Singh
पब्लिश्ड 1 December 2022 at 19:55 IST