अपडेटेड 27 July 2025 at 12:44 IST

9 साल की उम्र में पहली बार स्कूल गए, फिर दुनियाभर में कमाई शोहरत, कौन हैं ‘शेक्सपियर ऑफ भोजपुरी’ भिखारी ठाकुर? भारत रत्न देने की उठी मांग

Bhikhari Thakur: मनोज तिवारी ने भोजपुरी लोक कवि भिखारी ठाकुर को उनके योगदान के लिए भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की मांग की है। जानिए भिखारी ठाकुर थे कौन।

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Bhikhari Thakur: बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने भोजपुरी लोक कवि और महान समाज सुधारक भिखारी ठाकुर को उनके योगदान के लिए भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी भी लिखी है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि भिखारी ठाकुर थे कौन। 

आपको बता दें कि मनोज तिवारी से पहले सारण से सांसद राजीव प्रताप रूडी भी भिखारी ठाकुर को पद्म भूषण से नवाजे जाने की मांग कर चुके हैं। 

कौन थे भिखारी ठाकुर?

भिखारी ठाकुर एक मशहूर भोजपुरी लोक कवि, समाज सुधारक, गीतकार, गायक, नाटककार और सामाजिक कार्यकर्ता थे। उनका जन्म 18 दिसंबर 1887 में बिहार के सारण जिले के कुतुबपुर गांव में हुआ था। भोजपुरी साहित्य और संस्कृति में योगदान के लिए उन्हें ‘शेक्सपियर ऑफ भोजपुरी’ भी कहा जाता है। वो 9 साल की उम्र में पहली बार स्कूल गए थे लेकिन अगले एक साल तक वो वर्णमाला का एक अक्षर भी नहीं सीख पाए।

भिखारी ठाकुर की मशहूर रचनाएं

भिखारी ठाकुर बचपन में मवेशी चराते थे। फिर वो पैसे कमाने के लिए अपना गांव छोड़कर चले गए और नाई का काम शुरू कर दिया। जब उन्होंने मेदिनीपुर में रामलीला देखी तो उनके अंदर का कलाकार जाग उठा। उस्तरा छोड़कर उन्होंने कविताएं बनाना शुरू कर दिया। अपने गांव वापस जाकर उन्होंने रामलीला का मंचन करना शुरू कर दिया। उनकी प्रसिद्ध रचनाओं में बिदेसिया, बेटी-बियोग या बेटि-बेचवा, भाई-बिरोध, कलयुग प्रेम, गबरघिचोर, गंगा असनान, बिधवा-बिलाप, आदि शामिल है। उन्होंने समाज में फैली कुरीतियों पर बड़ा प्रहार करते हुए कई नाटकों का मंचन किया। उनका 10 जुलाई 1971 को निधन हो गया था। 

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Published By : Sakshi Bansal

पब्लिश्ड 27 July 2025 at 12:44 IST