अपडेटेड 17 April 2025 at 13:57 IST

BIG BREAKING: रंगदारी मामले में RJD विधायक रीतलाल यादव ने किया सरेंडर, कोर्ट ने 14 दिनों की न्‍यायिक हिरासत में भेजा

विधायक रीतलाल ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। कोर्ट ने रीतलाल यादव को 14 दिनों के लिए न्‍यायिक हिरासत में भेज दिया है।

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RJD MLA Ritlal Yadav wanted in extortion case surrenders, court sent 14 days judicial custody
रंगदारी मामले में RJD विधायक रीतलाल यादव ने किया सरेंडर, कोर्ट ने 14 दिनों की न्‍यायिक हिरासत में भेजा | Image: Facebook

पटना पुलिस ने हाल ही में रंगदारी के आरोप में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) विधायक रीतलाल यादव के 11 ठिकानों पर छापेमारी की थी। अब विधायक रीतलाल ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। RJD विधायक रीतलाल यादव ने अपने भाई के साथ दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। कोर्ट ने रीतलाल यादव को 14 दिनों के लिए न्‍यायिक हिरासत में भेज दिया है। उनके ऊपर बिल्डर से रंगदारी मांगने का आरोप था। साथ ही साथ धमकी देने का भी आरोप लगा था। उनके साथ  दो अन्य लोगों ने भी सरेंडर किया है। इन सभी ने व्यवहार न्यायालय के एसीजीएम 5 के न्यायालय में आत्म समर्पण किया।

रीतलाल यादव के वकील के मुताबिक किसी बिल्डर ने उन पर रंगदारी का झूठा आरोप लगाया था। पुलिस को उसी मामले में उनकी तलाश थी। जैसे ही उन्हें पता चला कि पुलिस उन्हें तलाश कर रही है, उन्होंने स्वेच्छा से कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया, साथ ही अन्य लोगों को भी जिन्हें आरोपी बनाया गया था। जमानत याचिका दायर नहीं की गई है। शायद हम एक-दो दिन में इसे दायर करेंगे। मामला झूठा है। यह रंगदारी का मामला नहीं हो सकता। विधायक रीतलाल यादव के साथ पिंकू यादव, चिक्कू और श्रवण ने भी आज आत्मसमर्पण कर दिया है।

सरेंडर कर बोले रीतलाल यादव- मेरी हत्या हो सकती है

दानापुर के विधायक ने अपने बयान में कहा- 'जिस दिन मेरे घर पर छापा पड़ा, उस दिन बिल्डर (जिसने विधायक पर आरोप लगाए हैं) के साथ मिलकर प्रशासन ने मुझे मारने की साजिश रची। मैं जेल जा रहा हूं। मेरी जान को सबसे बड़ा खतरा जेल जाने और कोर्ट में पेश होने के बीच है। मेरी हत्या यहां भी हो सकती है। बिल्डर खुद दोषी है।' राजद विधायक ने कहा कि मैं जमानत याचिका तभी दाखिल करूंगा जब मेरी जान बच जाएगी।

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विधायक ने अपने बयान में कहा- 'मुझे मारने की कोशिश कई महीनों से हो रही है। मेरे प्रतिद्वंद्वी को कुछ अधिकारियों ने मदद के लिए 47 उपलब्ध कराई थी, उसे मुझे मारने के लिए कहा गया था और कहा गया था कि उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया जाएगा। जब मुझे इस बारे में पता चला तो मैंने अपने निजी सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ा दी। पुलिस अधिकारियों को ये बर्दाश्त नहीं हुआ, उन्होंने मुझसे कहा कि मैं बिना अनुमति के निजी सुरक्षाकर्मी नहीं रख सकता। फिर भी, मैंने उन सुरक्षाकर्मियों को रखना जारी रखा। मुझे ये भी पता चला कि मुझे गिरफ्तार करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मैंने अपने निजी सुरक्षाकर्मियों को हटा दिया।  इसके बाद  लोग मेरे गांव में आने लगे। यह महीनों तक चलता रहा। सिर्फ मैं ही नहीं मेरा पूरा गांव डर में था।'

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 17 April 2025 at 12:38 IST