अपडेटेड July 11th 2024, 10:13 IST
Bihar Politics: बिहार की राजनीति में एक बार फिर चाचा-भतीजे आमने-सामने हो गए हैं। चाचा पशुपति पारस (Pashupati Paras) और भतीजा चिराग पासवान (Chirag Paswan) के बीच LJP के दफ्तर को लेकर रार चल ही है। पटना स्थित कार्यालय पर अधिकार का मामला तुल पकड़ता जा रहा है। मामला इतना बढ़ गया कि पशुपति पारस ने कोर्ट तक का रूख कर लिया। पटना हाई कोर्ट में इस संबंध में याचिका दाखिल की गई है।
दरअसल, पटना एयरपोर्ट के पास स्थित 1 व्हीलर रोड, शहीद पीर अली खान मार्ग पर राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का कार्यालय है। यह कार्यालय बीते दिनों राज्य सरकार द्वारा लोजपा रामविलास पासवान की पार्टी को अलॉट कर दिया गया है। इससे पहले यह भवन पशुपति पारस की पार्टी के नाम पर आवंटित था। बिहार सरकार के इस फैसले से नाराज रालोजपा ने अब हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की है।
पटना हाई कोर्ट में पशुपति पारस की ओर से दाखिल की याचिका में कहा गया है कि भारतीय चुनाव आयोग ने 2 अक्टूबर 2021 को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को राज्य स्तर के एक दल के रूप में मान्यता दी गई थी। तब से लगातार इस परिसर में पार्टी कार्यालय में कार्य कर रही है। पार्टी ने इस कार्यालय के नवीनीकरण के लिए 27 जुलाई 2023 को आवेदन दे दिया था। इसके बावजूद मनमाने तरीके से पार्टी कार्यालय का आवंटन भवन विभाग ने रद्द कर दिया।
याचिका में क्या कहा?
भारतीय चुनाव आयोग ने 2 अक्टूबर, 2021 को मान्यता दी थी। याचिका में कहा गया कि तब से लगातार इस परिसर में पार्टी कार्यालय कार्य कर रहा था। पार्टी ने इस कार्यालय के नवीनीकरण के लिए 27 जुलाई, 2023 को आवेदन दे दिया गया था। इसके बावजूद मनमाने तरीके से पार्टी कार्यालय का आवंटन भवन निर्माण विभाग ने रद्द कर दिया। साथ ही कार्यालय परिसर खाली कराने की प्रक्रिया शुरु कर दी जो गलत है।
बता दें कि यह याचिका पार्टी के उपाध्यक्ष अम्बिका प्रसाद ने दायर की है। अम्बिका प्रसाद ने अपने अधिवक्ता आशीष गिरी के माध्यम से कोर्ट में यह याचिका दायर किया है। याचिका में कहा है कि भवन निर्माण विभाग के उप सचिव के आदेश से कार्यालय खाली करने का आदेश जारी हुआ है और उन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन कर यह आदेश पारित किया है।
बता दें कि रामविलास पासवान के निधन के बाद की पार्टी में दो फाड़ हो गयी है। पशुपति पारस के नेतृत्व में रालोजपा बनी तो बेटे चिराग पासवान के नेतृत्व में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) बनी। अब चाचा-भतीजे के बीच दफ्तर के लेकर सियासत हो चल रही है। पशुपति पारस के हाई कोर्ट के रूख के बाद अब देखना होगा कि चिराग पासवान कौन सा कदम उठाते हैं।
पब्लिश्ड July 11th 2024, 09:23 IST