अपडेटेड 12 July 2025 at 18:06 IST
घर वालों की लाख कोशिशों के बाद भी नहीं छोड़ा साथ, फिर प्रेमी का कटा हाथ और...,जमुई में प्रेमी जोड़े ने पेश की प्यार की मिसाल
बिहार के जमुई जिले से एक ऐसी प्रेम कहानी सामने आई है, जो एक बार फिर मोहब्बत के सही मतलब को साबित कर दी। लाख परेशानी के बावजूद प्रेमी जोड़ा ने एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ा और अपने प्यार को अंजाम तक पहुंचाया।
- भारत
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हाल के दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों से ऐसी खबरे सामने आई, जिसमें देखा गया कि मोहब्बत के नाम पर ही मोहब्बत का कत्ल कर दिया। पति ने पत्नी की हत्या कर दी या पत्नी ने अपने ही पति को मार डाला। वो भी मोहब्बत के नाम पर। सारी घटनाएं ये सोचने के लिए मजबूर कर दिया कि क्या प्यार का अब यही मतलब रह गया है। मगर इस बीच बिहार के जमुई से एक प्रेमी-जोड़े का ऐसा किस्सा सामने आया, जो फिर साबित कर दिया कि सच्चे प्यार का मतलब समर्पण होता है। यह कहानी है नीरज और सुमित्रा की, जिनके प्यार ने एक मिसाल पेश की है।
बिहार के जमुई जिले में एक सच्ची प्रेम कहानी इन दिनों हर किसी के जुबां पर हैं। नीरज और सुमित्रा का प्यार सोशल मीडिया से शुरू होकर जिंदगी की हर कठिन परीक्षाओं को पार करता हुआ सात फेरों तक पहुंचा। दोनों आखिरी सांस तक साथ जीने-मरने की कसम खाई और लाख मुश्किलों के बावजूद उसे निभाया भी। परिवार ने दोनों को अलग करने की लाख कोशिश की मगर ये मानने वाले कहां थे।
इंस्टाग्राम पर नीरज और सुमित्रा की हुई दोस्ती
दोनों झाझा थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। इंस्टाग्राम पर नीरज और सुमित्रा की दोस्ती से ये प्रेम कहानी शुरू हुई। हर प्रेम कहानी की तरह यहां भी पहले दोस्ती से बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। धीरे-धीरे मैसेजिंग, कॉल और फिर मुलाकात तक यह रिश्ता परवान चढ़ा। लेकिन जब सुमित्रा के परिजनों को इसका पता चला, तो उन्होंने दोनों को अलग करने के लिए सुमित्रा को उसकी बहन के पास गुजरात के वापी शहर भेज दिया।
प्यार को पाने के लिए बिहार से पहुंचा गुजरात
नीरज से यह दूरी सही नहीं गई। उसने हार नहीं मानी और 2500 किलोमीटर की दूर तय कर पहुंच गया वापी। पहले नौकरी ढूंढा, फिर किराये पर कमरा लिया और दिन रात एक कर मेहनत करने लगा। इस प्रेम कहानी में एक ऐसा मोड़ भी आया, जिसने दोनों की परीक्षा ले ली। एक दिन फैक्ट्री में काम करते वक्त नीरज का गंभीर हादसा हुआ और उसका एक हाथ बूरी तरह कट गया। यह घटना दोनों के लिए किसी सदमे से कम नहीं था।
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हादसे में नीरज का कटा हाथ
इस हादसे का बाद सुमित्रा को सब सलाह देने लगे कि उसे अब छोड़ दो। लेकिन सुमित्रा ने सबकी बातों को दरकिनार कर दिया। उसने न केवल नीरज का साथ दिया, बल्कि अस्पताल में हर पल उसके साथ रहकर उसका हौसला भी बढ़ाया। इनका प्यार इतना गहरा था कि हर मुश्किल को साथ झेलने का वादा एक दूसरे को बिना कहे ही कर लिया था।
एक विवाह ऐसा भी
समाज और परिवार के विरोधों के बावजूद सुमित्रा अपने फैसले पर अडिग रही। उसने नीरज से शादी करने का फैसला किया। फिर वापस बिहार लौटे और दोनों ने एक आखिरकार एक मंदिर में शादी रचा ली। अब दोनों पति-पत्नी हैं और एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें खा चुके हैं। दोनों की यह कहानी सिर्फ प्यार की नहीं, बल्कि उस समर्पण और विश्वास की भी है, जो सच्चे रिश्तों की नींव होती है। जो आजकल के रिश्तों में बहुत कम देखने को मिलता हैं।
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Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 12 July 2025 at 17:59 IST