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Published 08:06 IST, September 30th 2024

Bihar Flood: बिहार में जल प्रलय, कोसी ने धारण किया विकराल रूप, कई गांव जलमग्न,सीतामढ़ी में टूटा बांध

बिहार में भी बाढ़ की स्थिति चिंताजनक बनी रही। कोसी अपने रूद्र रूप में आ गई है। कई स्थानों पर नदियों के तटबंध टूट गए हैं और कई गांव जलमग्न हो गए हैं।

Reported by: Rupam Kumari
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Bihar Flood
Bihar Flood | Image: ANI/PTI

बिहार के कई जिलों में भारी बारिश के कारण बाढ़ और आपदा की स्थिति से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। गंगा, गंडक, कोसी समेत कई नदियां उफान पर है। कोसी तो अपने रूद्र रूप में आ गई है और अपने साथ सबकुछ बहा कर ले जा रही है। आपता से निपटने के लिए NDRF की तैनाती की गई है। नदी किनारे के इलाके को खाली कराया जा रहा है। लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। राज्य सरकार से लेकर राज्य सरकार की पैनी नजर बाढ़ की स्थिति पर बनी हुई है।

बिहार में भी बाढ़ की स्थिति चिंताजनक बनी रही। कई स्थानों पर नदियों के तटबंध टूट गए हैं और वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाढ़ का पानी घुस गया है जिसका असर भारत-नेपाल सीमा से लगते जिलों पर सबसे अधिक पड़ा है। नेपाल में लगातार हो रही बारिश का असर बिहार में भी देखने को मिल रहा है। गंगा, कोसी समेत कई नदियों ने रौद्र रूपण धारण कर लिया है। कई बांध टूट जाने से पूरा गांव जलमग्न हो गया है।

56 साल बाद रूद्र रूप में कोसी

बिहार की शोक कही जाने वाली कोसी नदी ने अपने विकराल रूप में आ गई है। बीरपुर में कोसी नदी पर बने बराज से सुबह 5 बजे तक कुल 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो 56 सालों में सबसे ज्यादा है। राज्य जल संसाधन विभाग के ताजा बुलेटिन के अनुसार, पिछली बार इस बैराज से सबसे ज्यादा पानी 1968 में 7.88 लाख क्यूसेक छोड़ा गया था। पानी छोड़े जाने के बाद कटिहार, पूर्णिया के कई इलाके जलमग्न हो चुके हैं। महानंदा जैसी नदियां उफान पर आ गई हैं। बांध टूट जाने से कई गांव जलमग्न हो गए हैं।

सीतामढ़ी में मंदार तटबंध टूटा

सीतामढ़ी जिले के मधकौल गांव में बागमती नदी के तटबंध में दरार आ गई। बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण बेलसंड प्रखंड का मंदार तटबंध टूट गया। वहीं पश्चिमी चंपारण में गंडक नदी पर पानी के अत्यधिक दबाव के कारण बगहा-1 प्रखंड में नदी के बाएं किनारे पर स्थित तटबंध क्षतिग्रस्त हो गया जिससे बाढ़ का पानी पश्चिमी चंपारण जिले के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में भी प्रवेश कर गया। इससे वहां के वन्यजीवों को खतरा उत्पन्न हो गया है।

बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि

राज्य जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) द्वारा जारी ताजा बयान के अनुसार, ‘बागमती नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि और पानी के बढ़ते दबाव से सीतामढ़ी जिले के बेलसंड, परसौनी, बरगैनिया और रसलपुर प्रखंडों तथा शिवहर जिले के पिपराही, पुरनहिया और शिवहर प्रखंडों में बागमती नदी के बाएं और दाएं तटबंध पर कई जगह रिसाव की सूचना मिली जिन्हें तत्काल दुरूस्त किया गया।

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कोसी बैराज के पास यातायात पर रोक

महानंदा नदी के तैयबपुर और ढ़ेगराघाट मापक स्थलों पर क्रमशः 66.81 मीटर एवं 37.22 मीटर जलस्तर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान से क्रमश: 0.81 मीटर एवं 1.57 मीटर अधिक है। कमला बलान, ललबेकिया एवं महानंदा नदी के तटबंध एवं संरचनाएं सुरक्षित है। डब्ल्यूआरडी के मुताबिक कई जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है और करीब 16 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। हालांकि, अभी तक किसी की मौत की खबर नहीं है। एहतियात के तौर पर कोसी बैराज के पास यातायात रोक दिया गया है।

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Updated 14:17 IST, September 30th 2024