अपडेटेड 1 October 2024 at 11:07 IST

Bihar Flood: बिहार में बाढ़ से त्राहिमाम! पति-पत्नी समेत 8 लोग बह गए... बांध टूटे, देखें खौफनाक मंजर

बिहार की शोक कही जाने वाली कोसी नदी ने अपने विकराल रूप में आ गई है। पानी का तेज बहाव अपने साथ सब कुछ बहाकर ले जा रही है।

Follow : Google News Icon  
Bihar Flood
Bihar Flood | Image: PTI

बिहार के कई जिलों में इन दिनों बाढ़ (Bihar Flood) से प्रभावित है। बाढ़ और आपदा की स्थिति से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। गंगा, गंडक, कोसी समेत कई नदियां उफान पर है। कोसी समेत कई नदियों के तटबंध टूटने से स्थिति और भयावह हो गई है। कई गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। वहीं, तेज नदी के बहाव में पति-पत्नी समेत 8 लोग बह गए। NDRF की टीमों को राहत और बचाव कार्य में लगाया गया है।  


बिहार के चार जिलों में सात स्थान पर तटबंध टूटने की घटना हुई है। सीतामढ़ी जिला में बेलसंड प्रखण्ड के अन्तर्गत मधकौल और सौली रूपौली तथा रून्नीसैदपुर प्रखण्ड के अन्तर्गत तिलकताजपुर एवं खडुआ में तटबंध टूट गया है। दरभंगा, किरतपुर प्रखंड क्षेत्र के भूभौल गांव में कोसी नदी के तटबंध टूटने के बाद भारी तबाही देखने को मिली। बांध टूटने के बाद भूमौल गांव में पति पत्नी सहित तीन लोग पानी के तेज बहाल में बह गए। इसके साथ ही पश्चिमी चम्पारण जिला में बगहा-एक प्रखण्ड के अन्तर्गत खैरटवा गांव में तथा शिवहर जिला के तरियानी प्रखण्ड के अन्तर्गत छपरा में भी तटबंध टूटने की घटना हुई।

विकराल रूप में कौसी

बिहार की शोक कही जाने वाली कोसी नदी ने अपने विकराल रूप में आ गई है। बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सोमवार को जारी बयान के अनुसार गंडक कोसी, बागमती, महानंदा एवं अन्य नदियों में आयी बाढ़ के कारण 16 जिलों पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, सिवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण एवं सहरसा के 55 प्रखण्डों में 269 ग्राम पंचायतों की करीब 9.90 लाख आबादी प्रभावित हुई है।

रेस्क्यू में लगी NDRF की टीम

राज्य सरकार से लेकर राज्य सरकार की पैनी नजर बाढ़ की स्थिति पर बनी हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम ने बाढ़ प्रभावित दरभंगा और सीतामढ़ी जिले का हवाई सर्वेक्षण किया। बाढ़ से घिरे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय NDRF और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF)की 15-15 टीम तैनात की गई हैं। इसके अलावा वाराणसी और रांची से एनडीआरएफ की तीन-तीन अतिरिक्त टीम बुलाई गई हैं जिन्हें विभिन्न जिलों में राहत एवं बचाव के लिए तैनात किया गया है।

Advertisement

वाल्मीकिनगर बैराज में छोड़ा गया पानी

वाल्मीकिनगर बैराज से रविवार को  5.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जबकि सोमवार को सुबह आठ बजे तक पानी छोड़े जाने की मात्रा 1.89 लाख क्यूसेक थी। इसी तरह 29 सितंबर को वीरपुर बैराज से 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया लेकिन सोमवार की सुबह आठ बजे तक 2.88 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। वहीं, महानंदा नदी के तैयबपुर और ढ़ेगराघाट मापक स्थलों पर क्रमशः 66.81 मीटर एवं 37.22 मीटर जलस्तर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान से क्रमश: 0.81 मीटर एवं 1.57 मीटर अधिक है। नदी किनारे के इलाके को खाली कराया जा रहा है।

यह भी पढ़ें:Flood: बिहार में बाढ़ से हाहाकार, दरभंगा-सीतामढ़ी में तटबंधों में दरार

Advertisement

Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 1 October 2024 at 11:04 IST