अपडेटेड 5 April 2025 at 16:47 IST
5 इस्तीफों के बाद JDU की मुस्लिम लीडर अंजुम आरा ने नीतीश के लिए संभाला मोर्चा, बताया- किन शर्तों पर किया वक्फ बिल का समर्थन
जदयू लीडर अंजुम आरा कुछ मुस्लिम लीडर्स के साथ शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आईं। पार्टी के भीतर 5 इस्तीफों के बाद ये प्रेस कॉन्फ्रेंस थी।
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Bihar News: वक्फ विधेयक के समर्थन पर बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी के भीतर रार है। पिछले दिन 5 मुस्लिम नेता इस्तीफा देकर पार्टी से चले गए तो कुछ नेताओं ने पार्टी में रहकर अपने बगावती तेवर दिखाए हैं। इस अंतर्कलह के बीच अब नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड यानी जदयू से एक मुस्लिम महिला लीडर ने मोर्चा संभाला है। जदयू नेता अजुम आरा ने ना सिर्फ इस्तीफा देकर जाने वाले नेताओं को जवाब दिया है, बल्कि वक्फ बिल के समर्थन के पीछे की वजह भी स्पष्ट कर दी है।
जदयू लीडर अंजुम आरा कुछ मुस्लिम लीडर्स के साथ शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आईं। पार्टी के भीतर 5 इस्तीफों के बाद ये प्रेस कॉन्फ्रेंस थी। नीतीश कुमार की पार्टी से अंजुम आरा ने मोर्चा संभालते हुए मुस्लिमों को भी संदेश देने का काम कर दिया है। खैर, इससे अलग अंजुम आरा ने वक्फ बिल के समर्थन पर कहा कि जेडीयू ने पांच सुझाव या फिर शर्तें रखी थीं, जिन्हें वक्फ संशोधन विधेयक में स्वीकार कर लिया गया। इन सुझावों को स्वीकार किए जाने के बाद ही हम वक्फ संशोधन विधेयक पर सहमत हुए।
मोदी सरकार के सामने क्या थीं नीतीश की शर्तें?
अंजुम आरा ने जदयू की शर्तों के बारे में विस्तार से बताया है। उन्होंने कहा कि पहला शर्त जमीन राज्य का मामला है, इसलिए कानूनों में भी ये प्राथमिकता बनी रहे। दूसरी शर्त ये रही कि ये कानून पूर्वव्यापी तरीके से नहीं, बल्कि भावी तरीके से प्रभावी हो। तीसरी शर्त रखी गई थी कि अगर किसी अपंजीकृत वक्फ संपत्ति पर कोई धार्मिक संस्थान स्थापित है तो उससे छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी। चौथी शर्त में वक्फ संपत्तियों से जुड़े विवादों को सुलझाने के लिए जिला मजिस्ट्रेट से ऊपर के अधिकारी को अधिकृत किए जाने की मांग थी। पांचवीं शर्त में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को डिजिटल पोर्टल पर रजिस्टर करने के लिए बिल में दी गई 6 महीने की समय सीमा को बढ़ाने की मांग थी। अंजुम आरा बताती हैं कि केंद्र की मोदी सरकार ने इन शर्तों को माना था, तभी जदयू बिल के समर्थन में खड़ी हुई।
जदयू से किन 5 मुस्लिम लीडर्स ने इस्तीफे दिए
संसद से जब वक्फ संशोधन विधेयक पास हो गया, उसके कुछ घंटों बाद ही मोहम्मद कासिम अंसारी ने जदयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद जदयू के अल्पसंख्यक प्रदेश सचिव मोहम्मद शाहनवाज मलिक ने भी नीतीश कुमार को भेजे एक पत्र के जरिए अपने इस्तीफे की घोषणा की। इसी तरह जदयू से 5 नेताओं ने वक्फ संशोधन विधेयक पर पार्टी के रुख से असंतुष्टि जताते हुए अपने इस्तीफे की पेशकश की। बाकी तीन लीडर्स में नदीम अख्तर, राजू नैयर और तबरेज सिद्दीकी अलीग शामिल हैं।
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Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 5 April 2025 at 16:47 IST