अपडेटेड 10 March 2025 at 17:31 IST
बिहार में 4250 नीलगायों को फसल को नुकसान पहुंचाने के चलते मारा गया- मंत्री सुनील कुमार
पिछले एक साल में फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचाने के कारण बिहार के कई जिलों में 4,279 नीलगायों को मार दिया गया। यह जानकारी बिहार के एक मंत्री ने सोमवार को दी।
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पिछले एक साल में फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचाने के कारण बिहार के कई जिलों में 4,279 नीलगायों को मार दिया गया। यह जानकारी बिहार के एक मंत्री ने सोमवार को दी। बिहार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री सुनील कुमार ने विधानसभा में एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए यह आंकड़ा बताया।
कुमार ने कहा, ‘‘वर्ष 2024-25 (फरवरी तक) में राज्य के विभिन्न जिलों में लगभग 4,279 नीलगाय को मार दिया गया। नीलगाय को मारने का अभियान विभिन्न हिस्सों से मिले अनुरोधों पर शुरू किया गया था, क्योंकि वे वन क्षेत्रों से दूर भी कृषि भूमि पर फसलों को नुकसान पहुंचाती थीं।’’
उन्होंने बताया कि सबसे अधिक संख्या में 'नीलगायों' को वैशाली (3,057) में मारा गया, उसके बाद गोपालगंज (685), समस्तीपुर (256), मुजफ्फरपुर (124), सीतामढी (71), मुंगेर (48), सारण (18), बेगूसराय (14) और नालंदा (6) में मारी गईं। हालांकि, मंत्री ने राज्य में संबंधित अधिकारियों द्वारा मारे गए जंगली सूअरों की संख्या नहीं बतायी।
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कुमार ने बताया कि राज्य सरकार उन किसानों को मुआवज़ा (50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर) देती है, जिनकी फसलें इन जानवरों के कारण बर्बाद हो जाती हैं। उन्होंने बताया कि गांव के मुखिया पर्यावरण विभाग के पेशेवर शूटर को इन जानवरों को ‘‘अत्यंत सावधानी’’ से मारने के लिए काम पर रखते हैं।
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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 10 March 2025 at 17:31 IST