अपडेटेड 21 September 2022 at 22:24 IST
भारत में LWE के खिलाफ सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता, गृह मंत्री अमित शाह बोले- 'देश की आंतरिक सुरक्षा में ऐतिहासिक पड़ाव पार'
भारत ने वामपंथी उग्रवाद (LWE) के खिलाफ अपनी लड़ाई में एक बड़ा मील का पत्थर हासिल किया।
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भारत ने वामपंथी उग्रवाद (LWE) के खिलाफ अपनी लड़ाई में एक बड़ा मील का पत्थर हासिल किया। 21 सितंबर को झारखंड के बुद्ध पहाड़, बिहार के चक्रबंध (गया) और भीमबंध में सुरक्षाबलों ने स्थायी शिविरों की स्थापना कर ली है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वामपंथी चरमपंथियों के साथ लंबे संघर्ष में सुरक्षाबलों ने 14 माओवादियों को मार गिराया और 590 से अधिक ने या तो आत्मसमर्पण कर दिया या उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
गृह मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का पालन करते हुए यह सफलता हासिल हुई है। उन्होंने कहा,
“हमारे सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में सराहनीय सफलता हासिल की है। आतंकवाद और वामपंथी उग्रवाद (NWE) के खिलाफ गृह मंत्रालय की जीरो टॉलरेंस नीति जारी रहेगी।”
देश की आंतरिक सुरक्षा में एक ऐतिहासिक पड़ाव पार हुआ है।
— Amit Shah (@AmitShah) September 21, 2022
पीएम @narendramodi जी के नेतृत्व में देशभर में वामपंथी उग्रवाद के विरुद्ध चल रही निर्णायक लड़ाई में सुरक्षाबलों ने अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है।
इसके लिए @crpfindia, सुरक्षा एजेंसियों व राज्य पुलिसबलों को बधाई देता हूँ।
'आंतरिक सुरक्षा में एक बड़ा मील का पत्थर'
ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने CRPF को बधाई दी और कहा,
"देश की आंतरिक सुरक्षा में एक ऐतिहासिक पड़ाव पार हुआ है। पीएम नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देशभर में वामपंथी उग्रवाद के विरुद्ध चल रही निर्णायक लड़ाई में सुरक्षाबलों ने अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है। इसके लिए CRPF, सुरक्षा एजेंसियों व राज्य पुलिसबलों को बधाई देता हूँ।"
शाह ने कहा, पहली बार सुरक्षा बलों ने वामपंथी उग्रवाद के गढ़ों में स्थायी शिविर स्थापित किए हैं,
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"पहली बार बूढा पहाड़, चक्रबंधा व भीमबांध के दुर्गम क्षेत्रों से माओवादियों को सफलतापूर्वक निकालकर सुरक्षाबलों के स्थायी कैंप स्थापित किये गए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद व LWE के विरुद्ध गृह मंत्रालय की जीरो टॉलेरेंस की नीति जारी रहेगी और ये लड़ाई आगे और तेज होगी।"
'महीने लंबी लड़ाई' का नतीजा
सुरक्षा बलों ने माओवादियों के गढ़ में महीनों तक चले अभियान में 14 माओवादियों को मार गिराया और कुछ शीर्ष आतंकवादियों को भी आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया। "शीर्ष माओवादियों के गढ़ में महीनों तक चले इन अभियानों में सुरक्षा बलों को अप्रत्याशित सफलता प्राप्त हुई,जिसमें 14माओवादियों को मार गिराया गया व 590 से अधिक की गिरफ्तारी/आत्मसमर्पण हुआ। जिसमें लाखों-करोड़ों के ईनामी माओवादी जैसे मिथिलेश महतो जिसपर ₹1करोड़ का इनाम था पकड़े गए हैं।"
गौरतलब है कि अमित शाह ने अगस्त 2022 में केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद की बैठक में बोलते हुए वामपंथी उग्रवाद से संबंधित घटनाओं और हत्याओं की संख्या में भारी कमी का उल्लेख किया था। उन्होंने कहा, "2009 में, आतंकवादी हिंसा में 1,005 लोग मारे गए, जबकि 2021 में, 147 लोग मारे गए ... 2009 में पुलिस थानों में 96 हिंसक घटनाओं की रिपोर्ट की गई, यह 2021 में घटकर 46 हो गई।"
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Published By : Digital Desk
पब्लिश्ड 21 September 2022 at 22:23 IST