अपडेटेड 24 March 2025 at 16:07 IST
Cash Recovery Row: 'कैश कांड' में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा पर बड़ा एक्शन, CJI के निर्देश पर केस सुनवाई से हटाए गए
CJI संजीव खन्ना ने हाई कोर्ट को निर्देश दिए थे कि जस्टिस यशवंत वर्मा को तब तक कोई न्यायिक कार्य न सौंपा जाए, जबतक उनके खिलाफ चल रही जांच में कोई फैसला न जाएं।
- भारत
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Justice Yashwant Varma Cash Recovery Row: कैश कांड में घिरे दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा को तत्काल प्रभाव से न्यायिक जिम्मेदारियों से हटा दिया गया है। CJI संजीव खन्ना के निर्देश पर उनके खिलाफ ये कार्रवाई हुई है। घर में नकदी बरामदगी के बाद उनके खिलाफ तीन सदस्यीय जांच कमेटी भी बनाई गई है।
जस्टिस यशवंत वर्मा का नाम लगातार चर्चाओं में हैं। बीते दिनों उनके घर लगी आग की घटना में कथित तौर पर करोड़ों का कैश बरामद हुआ। इसके बाद जस्टिस वर्मा के खिलाफ जांच बैठाई गई। जांच पूरी न होने तक वह काम भी नहीं कर सकेंगे।
दिल्ली हाई कोर्ट ने जारी किया नया रोस्टर
इस बीच दिल्ली हाई कोर्ट ने जजों के न्यायिक काम के लिए नया रोस्टर जारी किया है। नए रोस्टर के अनुसार जस्टिस यशवंत वर्मा को न्यायिक जिम्मेदारियों से हटा दिया गया। हाई कोर्ट ने उनका न्यायिक कार्य जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन की नई बेंच को सौंप दिया गया है। दिल्ली हाई कोर्ट का नया रोस्टर मंगलवार (25 मार्च) से प्रभावी होगा।
दिल्ली हाई कोर्ट ने आज ही जस्टिस यशवंत वर्मा से उनसे सारे ज्यूडिशियल वर्क वापस ले लिया था। वहीं, दिल्ली हाई कोर्ट में आज जो जस्टिस यशवंत वर्मा की बेंच के सामने मामले थे, उनके लिए नई तारीख भी लगा दी थी।
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CJI संजीव खन्ना ने दिए थे निर्देश
इससे पहले CJI संजीव खन्ना ने हाई कोर्ट को निर्देश दिए थे कि जस्टिस यशवंत वर्मा को तब तक कोई न्यायिक कार्य न सौंपा जाए, जबतक उनके खिलाफ चल रही जांच में कोई फैसला न जाएं। वहीं, CJI ने आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति भी गठित की। जांच कमेटी की अध्यक्षता पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्सिट शील नागू को सौंपी गई। समिति में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्सिट जी.एस. संधावालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट की जज जस्टिस अनु शिवरामन भी शामिल हैं।
इससे पहले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट की आंतरिक जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया। कोर्ट ने घटना से जुड़ी तस्वीरों और वीडियो के साथ अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दी। रिपोर्ट में जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से बोरियों में अधजले नोटों के बंडल मिलने का वीडियो भी सबमिट किया गया।
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आरोपों पर बोले जस्टिस- ये फंसाने और बदनाम करने की साजिश
जस्टिस यशवंत वर्मा ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर प्रतिक्रिया भी दी थीं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि घर के स्टोर रूम में उनके या उनके परिवार के किसी भी सदस्य ने कभी भी कोई नकदी नहीं रखी थी। वो इस बात का खंडन करते हैं कि कथित नकदी उनकी थी। जिस कमरे में आग लगी और जहां कथित तौर पर नकदी मिली, वह एक आउटहाउस था न कि मुख्य भवन जहां न्यायाधीश और उनका परिवार रहता है। उनका कहना है कि यह उन्हें फंसाने और बदनाम करने की साजिश है।
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 24 March 2025 at 16:07 IST