अपडेटेड 26 October 2024 at 16:49 IST
Maharashtra: बारामती में पहली बार चुनाव लड़ने पर युगेंद्र बोले- चाचा अजित पवार के खिलाफ लड़ना चुनौती
Baramati: बारामती में शरद पवार ने अपने बेटे युगेंद्र पवार को टिकट दिया है, जिनका मुकाबला अपने चाचा और एनसीपी लीडर अजित पवार के साथ होगा।
- भारत
- 3 min read

Baramati Seat: महाराष्ट्र के बारामती में पवार परिवार के भीतर एक और राजनीति द्वंद्व के लिए मंच सजने के साथ ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (एनसीपी-एसपी) उम्मीदवार युगेन्द्र पवार ने कहा कि इस सीट पर चाचा अजित पवार के खिलाफ लड़ना उनके लिए एक चुनौती है, लेकिन वह चिंतित नहीं हैं, क्योंकि सद्भावना और आशीर्वाद उनके साथ हैं। युगेन्द्र ने कहा कि बारामती के लोगों ने ही उन्हें इस बार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए चुना है।
एनसीपी (एसपी) ने 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए युगेन्द्र को मैदान में उतारा है, जो अजित पवार के छोटे भाई श्रीनिवास के बेटे हैं। यह युगेन्द्र का पहला चुनाव है। पिछले छह महीनों में पुणे जिले के अपने गृह क्षेत्र बारामती में राजनीतिक रूप से प्रभावशाली पवार परिवार के दो सदस्यों के बीच यह दूसरा चुनावी मुकाबला है। मई में शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने अपने चचेरे भाई और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था। सुले ने अपनी भाभी को 1.58 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराकर बारामती सीट बरकरार रखी।
वर्ष 1999 में शरद पवार द्वारा स्थापित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) जुलाई 2023 में उस वक्त विभाजित हो गई थी जब उनके भतीजे अजित पवार ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार से हाथ मिला लिया था। बारामती से ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए गए एक टेलीफोन साक्षात्कार में युगेन्द्र ने कहा, ‘‘जब मेरे चाचा (अजित पवार) ने काम किया और बारामती चुनाव लड़ा, तो शरद पवार साहब का आशीर्वाद उनके साथ था... लेकिन अब यह आशीर्वाद मेरे साथ है। (शरद) पवार साहब के पास अधिक अनुभव है जो मेरे लिए मजबूत आधार और समर्थन है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे माता-पिता सामाजिक कार्य करते हैं, मैं शिक्षण संस्थानों और कुश्ती संघ से जुड़ा हुआ हूं। मेरी फैक्टरी यहीं है और मैं जैविक खेती कर रहा हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह 99 प्रतिशत (शरद) पवार साहब का प्रेम है, जबकि मेरा प्रयास केवल एक प्रतिशत है।’’ लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी बुआ सुप्रिया सुले के लिए चुनाव प्रचार में शामिल रहे युगेन्द्र ने स्वीकार किया कि संसदीय चुनाव के दौरान बारामती विधानसभा क्षेत्र से सुप्रिया सुले को मिली बढ़त उनके लिए उम्मीद की किरण थी।
Advertisement
यह पूछे जाने पर कि क्या इस बार बारामती के लोगों के सामने कठिन विकल्प होगा, क्योंकि पवार परिवार से अजित पवार पारंपरिक रूप से इस सीट से विधानसभा चुनाव लड़ते थे, जबकि सुले लोकसभा चुनाव लड़ती थीं, युगेन्द्र ने कहा कि जब वे दोनों शरद पवार के साथ काम करते थे, तब यह समझ बनती थी। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन बदलते राजनीतिक परिदृश्य के साथ, ये चीजें भी बदल गई हैं। बारामती पवार साहब की विचारधारा के साथ चलेगी।’’
Advertisement
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 26 October 2024 at 16:49 IST