अपडेटेड 21 January 2025 at 23:35 IST
महाराष्ट्र में बांग्लादेशी घुसपैठियों की अब खैर नहीं, शिकायतों के बाद एक्शन में सरकार; दस्तावेजों की जांच के लिए SIT गठित
महाराष्ट्र में बांग्लादेशी घुसपैठियों की अब खैर नहीं होगी। कई शिकायतें मिलने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने जांच के लिए SIT गठित कर दी है।
- भारत
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बांग्लादेशी घुसपैठियों को रोकने के लिए बंगाल सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, महाराष्ट्र में कई जगहों पर देर से जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनाने की शिकायत मिली। इसके बाद एक्शन लेते हुए महाराष्ट्र सरकार ने देर से जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र वितरण की कार्यवाही पर आगामी आदेश तक रोक लगा दिया है।
महाराष्ट्र सरकार को विलंबित जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र वितरण के संबंध में सरकार के पास बड़े पैमाने पर शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन शिकायतों की जांच के लिए राज्य के गृह विभाग ने विशेष जांच दस्ता (एसआईटी) स्थापित किया है। प्रदेश में भारत सरकार के राजपत्र के जरिए जन्म-मृत्यु कानून 1969 में संशोधन करके विलंबित जन्म और मृत्यु पंजीयन समिति अधिकार जिलाधिकारी और उप विभागीय अधिकारी को प्रदान किया गया है। इसके आधार पर प्रदेश में विलंबित जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र वितरित किया जाता है।
BJP नेता किरीट सोमैया ने घोटाले का लगाया था आरोप
भाजपा नेता किरीट सोमैया ने बांगलादेशी रोहिंग्या मुसलमानों को विलंबित जन्म प्रमाणपत्र जारी करने का आरोप लगाया था। उन्होंने इस बारे में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य में विलंबित जन्म प्रमाणपत्र देने को लेकर घोटाला हुआ है। राज्य में मालेगांव, अमरावती, सिल्लोड समेत 20 तहसीलों में भ्रष्ट तरीके से विलंबित जन्म प्रमाणपत्र बांग्लादेशियों और रोहिंग्या मुसलमानों को प्रदान किया गया है। बांग्लादेशी मुसलमानों का इस्तेमाल वोट जिहाद के लिए होता है।
इससे पहले सैफ अली खान पर हुए हमले के मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता किरीट सोमैया ने रविवार को दावा किया कि ठाणे में श्रमिक शिविर में बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक रह रहे हैं, जहां से अभिनेता सैफ अली खान पर कथित तौर पर हमला करने वाले को गिरफ्तार किया गया है।
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पूर्व सांसद ने ठाणे पुलिस आयुक्त से कावेसर श्रमिक शिविर में तलाशी अभियान चलाने का अनुरोध किया। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, "मैंने 12 मजदूरों से मुलाकात की और उनमें से नौ बांग्लादेशी मुस्लिम थे। उनका कहना है कि वे पश्चिम बंगाल के मालदा से हैं, लेकिन उनके पास कोई प्रामाणिक दस्तावेज नहीं है।"
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Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 21 January 2025 at 23:35 IST