Published 16:57 IST, September 16th 2024
'हिन्दू महिलाओं से रेप, बुर्का के लिए दबाव; संघर्ष नहीं अब रण...',बांग्लादेश के हालात भड़के धर्मगुरु
पड़ोसी देश में हिन्दुओं के साथ हो रही ऐसी बर्रबता पर हिन्दू धर्मगुरुओं ने हमला बोला है, और भारत सरकार से अपील की है कि वो इस तुरंत कड़ा एक्शन लें।
बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद जिस तरह से कट्टरपंथियों की सरकार में वहां के अल्पसंख्य समुदाय (हिन्दू) के लोगों से ज्यातती कर रहे हैं वो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। बांग्लादेश की हिन्दू महिलाओं के साथ कट्टरपंथी सरे राह जबरदस्ती कर रहे हैं उनके साथ रेप कर उनका धर्म परिवर्तन कर रहे हैं और उन्हें शरिया कानून मानने पर मजबूर किया जा रहा है। पड़ोसी देश में हिन्दुओं के साथ हो रही ऐसी बर्रबता पर हिन्दू धर्मगुरुओं ने हमला बोला है, और भारत सरकार से अपील की है कि वो इस तुरंत कड़ा एक्शन लें। महंत राजूदास और हिन्दू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने यूएन और तमाम मानवाधिकारों को झकझोरते हुए कहा कि अब वो कहां सो गए हैं। स्वामी चक्रपाणि ने कहा, "कट्टरपंथियों के इस जुल्मो सितम के आगे याचना नहीं अब रण होगा संघर्ष महाभीषण होगा।"
बांग्लादेश में हो रहे हिन्दुओं पर अत्याचार को लेकर अयोध्या के हनुमानगढ़ी मठ के महंत राजूदास और हिन्दू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने आवाज उठाई है। भारतीय संतों ने भारत सरकार से अपील की है कि वो इस मामले पर तत्काल प्रभाव से कड़ा एक्शन लें ताकि पड़ोस की कट्टरपंथी सरकार को एक कड़ा संदेश जाए और वो हमारे हिन्दू भाई बहनों के साथ ऐसा व्यवहार न कर पाएं। चक्रपाणि महाराज ने कहा, 'बांग्लादेश में जिस प्रकार से हिन्दू महिलाओं का उत्पीड़न किया जा रहा है उन्हें बुर्का पहनने पर बाध्य किया जा रहा है, हिन्दू पुरुषों को सरेमा मारा-पीटा जा रहा है उनकी हत्या कर दी जा रही है, वो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।'
हिन्दू महिलाओं का रेप के बाद कर रहे धर्मांतरण
राजू दास महंत ने कहा कि बांग्लादेश में कट्टरपंथियों की सरकार बनने के बाद से जबरदस्ती हिन्दू मां-बहनों को बुर्का पहनाया जा रहा है, उनको उठाकर उनका धर्मांतरण करवाया जा रहा है उनके साथ बलात्कार किए जा रहे हैं और उनके साथ अन्याय और ज्यादती हो रही है। वहां की सड़कों पर चलती हिन्दू महिलाओं को जिस प्रकार से वहां के कट्टरपंथी परिवारों के बच्चे और बच्चियां बीच चौराहे पर मार रहे हैं टारगेट कर रहे हैं और उन्हें बुर्का पहना दे रहे हैं। ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। मुझे लगता है कि इस मामले पर अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को आगे आना चाहिए और भारत सरकार को भी इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए। मैं भारत सरकार से मांग करता हूं कि भारत में रहने वाले रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को तत्काल प्रभाव से बाहर निकालना चाहिए, जिससे कि बांग्लादेश सरकार को एक ठोस संदेश जाए। नहीं तो ये कट्टरपंथी ऐसे ही हिन्दू माताओं और बहनों को परेशान करते रहेंगे।
मानवाधिकार संगठनों और यूएनओ पर स्वामी चक्रपाणि का हमला
बांग्लादेश में जिस प्रकार से हिन्दू महिलाओं का उत्पीड़न किया जा रहा है उन्हें बुर्का पहनने पर बाध्य किया जा रहा है, हिन्दू पुरुषों को सरेआम मारा-पीटा जा रहा है उनकी हत्या कर दी जा रही है। हिन्दुओं के घरों को जला दिया जा रहा है, बांग्लादेश में जिस प्रकार से इस्लामिक कट्टरपंथियों के हावी होने की खबरें आ रही हैं और बांग्लादेश में सत्ता के खिलाफ आंदोलन करने वाले कट्टरपंथियों ने हिन्दुओं के खिलाफ शरिया कानून लागू कर रहे हैं वो दुर्भाग्यपूर्ण है। उससे भी ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण ये है कि सभी देशों में शोषण के खिलाफ आवाज उठाने वाले मानवाधिकार संगठन, देश की सरकारें और यूएन भी इस मामले को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उठाने की बजाय मौन साधे बैठे हैं।
'याचना नहीं अब रण होगा...'- बांग्लादेश के हालात पर स्वामी चक्रपाणि
बांग्लादेश में हिन्दू मारे जा रहे हैं, काटे जा रहे हैं, मंदिरों को तोड़ा जा रहा है और हर कोई इन घटनाओं पर मौन साधे बैठे हैं। ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और पीड़ादायक है। मैं केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से मांग करता हूं कि वो इस तत्काल प्रभाव से कोई ठोस कदम उठाए और अगर ऐसा नहीं होता है तो 'याचना नहीं अब रण होगा संघर्ष महाभीषण होगा।' इसी तर्ज पर भारत के रहमो करम पर पलने वाले बांग्लादेश को भारत सरकार अपनी ताकत का परिचय कराए। इसके अलावा देश भर के तमाम मानवाधिकार संगठन जो अभी अफीम चाटकर बेहोश पड़े हैं वो होश में आए और बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार से उनकी रक्षा कीजिए। अन्यथा कल को ऐसी कोई घटना अगर हिन्दुओं की ओर से होगी और आप उन्हें दोषी देंगे तो कोई व्यक्ति विशेष तो छोड़ो परमात्मा भी आपको क्षमा नहीं करेगा। तो इस तरह से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अमेरिका सहित पूरी दुनिया में हिन्दुओं के हो रहे शोषण के खिलाफ आवाज उठाएं।
Updated 16:58 IST, September 16th 2024