अपडेटेड 21 March 2025 at 22:56 IST

मानव स्वास्थ्य के प्रति दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाते हैं आयुर्वेद और योग- राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि आयुर्वेद, योग और अन्य पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली मानव स्वास्थ्य के लिए दीर्घकालिक और समग्र दृष्टिकोण अपनाती हैं, जबकि आधुनिक चिकित्सा पद्धति किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए अपेक्षाकृत अल्पकालिक प्रयोग करती है।

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 Droupadi Murmu
राष्ट्रपति मुर्मू | Image: X/@rashtrapatibhvn

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि आयुर्वेद, योग और अन्य पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली मानव स्वास्थ्य के लिए दीर्घकालिक और समग्र दृष्टिकोण अपनाती हैं, जबकि आधुनिक चिकित्सा पद्धति किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए अपेक्षाकृत अल्पकालिक प्रयोग करती है। राष्ट्रपति मुर्मू ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नयी दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्राचीन ऋषियों ने ‘‘प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करके और योग का अभ्यास करके’’ दीर्घायु का रहस्य खोज लिया था।

उन्होंने ‘‘स्वास्थ्य संबंधी मामलों से निपटने में आधुनिकता और परंपरा का मिश्रण प्रस्तुत करते हुए प्राचीन स्वास्थ्य उपचार पद्धतियों को अपनाने के लिए’’ दिल्ली स्थित एम्स की प्रशंसा भी की। राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय राजधानी में एम्स के 49वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा में मानक स्थापित करने के लिए एम्स की सराहना की।

मुर्मू ने कहा कि यह संस्थान एक गौरवपूर्ण ‘मेड-इन-इंडिया’ सफलता की कहानी है और यह पूरे देश में एक अनुकरणीय मॉडल है। उन्होंने कहा, ‘‘एम्स गीता के कर्म योग की चलती-फिरती प्रयोगशाला है।’’ ‘कर्म योग’ या क्रिया योग भगवद् गीता में वर्णित तीन आध्यात्मिक मार्गों में से एक है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ‘‘आज स्नातक होने वाले चिकित्सक और अनुसंधानकर्ता हमारी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने और समर्पण के साथ राष्ट्र की सेवा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।’’ उन्होंने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य सेवा के प्रति प्रतिक्रियात्मक दृष्टिकोण के बजाय सक्रिय दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।

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राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘जैसा कि आप सभी जानते हैं, यह चिकित्सा 3.0 का युग है, जिसे अमेरिकी चिकित्सक और लेखक डॉ. पीटर अटिया ने स्वास्थ्य सेवा में प्रतिक्रियात्मक से सक्रिय दृष्टिकोण की ओर परिवर्तन के रूप में वर्णित किया है।’’ उन्होंने कहा कि इस नए दृष्टिकोण में, प्रारंभिक चरण में बीमारियों की जांच के लिए रोगियों, चिकित्सकों और डायग्नॉस्टिक टेक्नोलॉजीस के बीच एक अनूठा सहयोग स्थापित किया जाता है। अटिया एक कनाडाई-अमेरिकी चिकित्सक, अनुसंधानकर्ता और लेखक हैं। उन्होंने मेडिसिन 3.0 को एक ऐसी अवधारणा के रूप में वर्णित किया गया है जो उपचार पर ध्यान देने के बजाय रोकथाम और दीर्घकालिक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करती है।

Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 21 March 2025 at 22:56 IST