अपडेटेड 26 June 2025 at 20:29 IST
Shubhanshu Shukla axiom 4 mission : भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने भारत के स्पेस स्टेशन पहुंचने का सपना पूरा कर दिया है। अपने दल के साथ शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंच गए हैं। स्टेशन पर पहले से मौजूद एस्ट्रोनॉट ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। इसके बाद चारों एस्ट्रोनॉट को वेलकम ड्रिंक परोसी गई। उनका यान 28,000 किमी/घंटा की रफ्तार से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है।
शुभांशु शुक्ला ISS पर कदम रखने वाले पहले भारतीय और राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं। शुभांशु और उनकी टीम अगले 14 दिनों तक ISS पर 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जिनमें 7 भारतीय प्रयोग भी शामिल हैं। ये प्रयोग माइक्रोग्रैविटी में जीव विज्ञान, कृषि और मानव अनुकूलन पर केंद्रित हैं। इन प्रयोगों में मूंग और मेथी के बीजों का विकास, साइनोबैक्टीरिया का अध्ययन और टार्डिग्रेड्स पर शोध शामिल है। यह मिशन भारत के गगनयान कार्यक्रम के लिए भी महत्वपूर्ण है।
अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पहुंचने के बाद ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने हिंदी में भारतीयों के लिए एक संदेश भेजा है। इस दौरान वो बहुत खुश और गौरवान्वित महसूस कर रहे थे। उन्होंने कहा-
“आपके प्यार और आशीर्वाद से मैं सुरक्षित इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंच गया हूं। आपको मुझे यहां खड़ा देखकर लग रहा होगा कि बहुत आसान है, लेकिन थोड़ा सा मुश्किल है। थोड़ा सिर भारी है और थोड़ी तकलीफ हो रही है, लेकिन वह सब छोटी चीजें हैं। कुछ दिनों में हमें इसकी आदत पड़ जाएगी। यह पहला पड़ाव है, अभी हमें 14 दिन यहां रहकर बहुत सारे वैज्ञानिक प्रयोग करने हैं। मैं बहुत उत्साहित हूं और अपने कंधे पर जो तिरंगा लगाकर चल रहा हूं, मैं मानता हूं कि आप सब मेरे साथ हैं और आप सब भी मेरे साथ उत्साहित है। जय हिंद, जय भारत”
शुभांशु शुक्ला ऐक्सिओम-4 (Ax-4) मिशन पर गए है। यह मिशन नासा, ऐक्सिओम स्पेस और स्पेसएक्स का है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और इसरो के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला इस मिशन के पायलट हैं। यह मिशन 25 जून, 2025 को नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट और ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के माध्यम से लॉन्च हुआ।
इस मिशन का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर वैज्ञानिक प्रयोग करना है। शुभांशु 14 दिनों तक ISS पर रहकर 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे। जिसमें मूंग और मेथी जैसे भारतीय फसलों के बीजों की वृद्धि का अध्ययन भी शामिल है। यह मिशन भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन, गगनयान के लिए अनुभव और तकनीकी जानकारी प्रदान करेगा। शुभांशु की ट्रेनिंग और ISS पर उनका अनुभव गगनयान के लिए महत्वपूर्ण होगा। इस मिशन में भारत, पोलैंड, हंगरी और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं, जो वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान में सहयोग का प्रतीक है।
शुभांशु ISS पर योग करेंगे और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देंगे। शुभांशु की उपलब्धि को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य नेताओं ने सराहा है। शुभांशु शुक्ला का यह मिशन न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत के युवाओं को प्रेरित करने और भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों की नींव रखने में भी अहम भूमिका निभाएगा।
पब्लिश्ड 26 June 2025 at 20:14 IST