अपडेटेड 31 August 2024 at 22:54 IST

निकाह के लिए तय उम्र और झूठ पर जेल... जानिए क्या है असम का नया मुस्लिम मैरिज बिल जिसका हो रहा विरोध

असम की हिमंता सरकार ने मुस्लिम विवाह पंजीकरण विधेयक 2024 पारित किया। जानें नया मुस्लिम मैरिज बिल क्या कहता है।

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Assam CM Himanta Biswa Sarma
असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा | Image: PTI

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने मुस्लिम मैरिज बिल पारित किया है। हिमंता सरकार ने 28 अगस्त को असम कंपल्सरी रजिस्ट्रेशन ऑफ मुस्लिम मैरिज एंड डाइवोर्सेज बिल 2024 पारित किया। इस नए बिल के साथ असम में 89 साल पुराना कानून खत्म कर दिया गया। इस कानून को खत्म करने के लिए सरकार ने करीब 5 महीने ही अध्यादेश जारी किया था।

बता दें, इस नए कानून के तहत असम में नाबालिग से शादी करना और उसका रजिस्ट्रेशन एक कानूनी अपराध माना जाएगा। इसके अलावा, मुस्लिम शादी का पंजीकरण अब काजी नहीं, राज्य सरकार करेगी। इसे लेकर सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "हमारी सरकार का एक ही उद्देश्य है, बेटी चाहे मुस्लिम हो या हिंदू, उसके साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। मैं असम की जनता से प्रार्थना करता हूं कि हमारा साथ दीजिए और इस प्रथा को इतिहास के पन्नों तक सीमित रखिए। एक आधुनिक असम में इस प्रथा की कोई जगह नहीं है।"

क्या-क्या है नए कानून के नियम?

  • नए कानून के तहत मुस्लिमों के निकाह और तलाक का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
  • पुराने कानून में नहीं थी अनिवार्यता
  • नए कानून में नहीं होगी काजियों की भूमिका
  • रजिस्ट्रार ऑफिस में करना होगा रजिस्ट्रेशन
  • दोनों पक्षों को कम से कम 30 दिन पहले देना होगा नोटिस
  • दोनों पक्षों को ये नोटिस पंजीकरण अधिकारी को देना होगा
  • निकाह के लिए महिला की आयु 18 और पुरुष की 21 वर्ष अनिवार्य
  • निकाह के लिए दोनों पक्षों की रजामंदी जरूरी
  • पंजीकरण से पहले लड़का या लड़की का उस जिले में निवास अनिवार्य
  • दोनों पक्षों के बीच कोई संबंध ना हो, जो मुस्लिम कानून के अनुसार निषिद्ध है
  • झूठ बोलने पर बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत होगी कार्रवाई
  • गलत तरीके से पंजीकरण में शामिल है अधिकारी तो होगी कार्रवाई
  • अधिकारी को भी हो सकती सजा और भरना पड़ सकता है 50 हजार तक का जुर्माना

काजी व्यवस्था से छुटकारा

राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री जोगेन मोहन ने 22 अगस्त को विधानसभा में असम निरसन विधेयक, 2024 पेश किया था, जिसमें असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम, 1935 और असम निरसन अध्यादेश 2024 को रद्द करने का प्रावधान है। विधेयक पर सदन में हुई चर्चा में मुख्यमंत्री हिमंता ने कहा, “हमारा उद्देश्य न केवल बाल विवाह को खत्म करना है, बल्कि काजी व्यवस्था से छुटकारा पाना भी है। हम मुसलमानों के विवाह और तलाक के पंजीकरण सरकारी प्रणाली के तहत लाना चाहते हैं।”

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 31 August 2024 at 22:54 IST