अपडेटेड 20 March 2025 at 21:29 IST
केरल: वार्ता विफल होने पर आशा कार्यकर्ताओं ने भूख हड़ताल की शुरू
केरल में आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को पूरा करने का दबाव बनाने के लिए बृहस्पतिवार को राज्य सचिवालय के बाहर विरोध-प्रदर्शन तेज करते हुए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की।
- भारत
- 3 min read

केरल में आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को पूरा करने का दबाव बनाने के लिए बृहस्पतिवार को राज्य सचिवालय के बाहर विरोध-प्रदर्शन तेज करते हुए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की। आशा कार्यकर्ताओं ने यह कदम तब उठाया, जब केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज उनकी मांगों पर चर्चा करने के लिए नयी दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा से मुलाकात करने पहुंचीं, लेकिन बैठक नहीं हो सकी। दिल्ली में संवाददाताओं से बात करते हुए जॉर्ज ने कहा कि केरल हाउस के स्थानिक आयुक्त के माध्यम से एक पत्र भेजा गया था, जिसमें बृहस्पतिवार के लिए नड्डा के साथ बैठक का अनुरोध किया गया था, ‘‘लेकिन शायद वह व्यस्त थे।’’
जॉर्ज ने कहा, ‘‘मैंने उनके मंत्रालय को दो अभ्यावेदन प्रस्तुत किए हैं। एक बार फिर बैठक के लिए समय मांगा गया है। जब भी मुझे बैठक के लिए समय दिया जाता है, मैं उनसे मुलाकात करूंगी।’’ जॉर्ज ने यह भी कहा कि उन्होंने पहले नड्डा से मुलाकात की थी और आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय के मुद्दे को उठाया था, जिसमें वृद्धि की आवश्यकता पर जोर दिया गया था। जॉर्ज ने कहा, ‘‘उन्होंने (नड्डा) इस मामले में सकारात्मक हस्तक्षेप का आश्वासन दिया था।’’ जॉर्ज ‘आशा’ कार्यकर्ताओं के मानदेय में वृद्धि की मांग किये जाने का मुद्दा उठाने और इस पर राज्य के रुख से केंद्र को अवगत कराने के लिए बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंची थीं।
आशा कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर बैठी
जॉर्ज के दिल्ली पहुंचने के बीच, मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) कार्यकर्ताओं ने आज अपना विरोध तेज कर दिया और तीन आशा कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर बैठ गईं। आशा कार्यकर्ता पिछले 39 दिनों से राज्य सचिवालय के बाहर धरना दे रही हैं। केरल की वाम सरकार के खिलाफ नारों के बीच अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हुई, जिसमें आशा कार्यकर्ताओं ने ‘‘भ्रष्टाचार’’ और उनके प्रति ‘‘क्रूरता’’ का आरोप लगाया। इस बीच, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ विधायकों ने विरोध करने वाली आशा कार्यकर्ताओं के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए सचिवालय तक मार्च किया।
क्या है आशा कार्यकर्ता की मांग?
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं मार्च का नेतृत्व करने वाले वी डी सतीशन ने कहा, ‘‘आशा कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर हैं और उनकी मांगें वास्तविक हैं। दुर्भाग्य से, मंत्रियों सहित सत्तारूढ़ पार्टी ने उनका अपमान किया है।’’ सतीशन ने यह भी कहा कि उन्होंने बुधवार को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से मुलाकात की और व्यक्तिगत रूप से उनसे आशा कार्यकर्ताओं की मांगों पर गौर करने का आग्रह किया। आशा कार्यकर्ताओं का एक वर्ग 10 फरवरी से सचिवालय के बाहर विरोध-प्रदर्शन कर रहा है, जिसमें सेवानिवृत्ति के बाद के लाभों और मौजूदा मानदेय को 7,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये की मांग की गई है।
Advertisement
Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 20 March 2025 at 21:29 IST