sb.scorecardresearch

Published 22:05 IST, September 4th 2024

असम पुलिस और विदेशी न्यायाधिकरणों के काम करने का तरीका मनमाना है: ओवैसी

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को असम पुलिस की सीमा शाखा और वहां के विदेशी न्यायाधिकरणों पर मनमाने ढंग से काम करने का आरोप लगाया।

Follow: Google News Icon
  • share
AIMIM president Asaduddin Owaisi
असदुद्दीन ओवैसी | Image: ANI

असम में विदेशी न्यायाधिकरण के फैसले के अनुपालन में 28 विदेशियों को एक ‘ट्रांजिट कैंप’ में भेजे जाने के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को असम पुलिस की सीमा शाखा और वहां के विदेशी न्यायाधिकरणों पर मनमाने ढंग से काम करने का आरोप लगाया।

पुलिस ने मंगलवार को बताया कि असम के बारपेटा जिले से नौ महिलाओं सहित कुल 28 लोगों को एक न्यायाधिकरण द्वारा विदेशी घोषित किए जाने के बाद गोवालपारा के एक ‘ट्रांजिट कैंप’ में भेज दिया गया।

न्यायाधिकरण अर्द्ध-न्यायिक निकाय है, जो असम में रहने वाले उन व्यक्तियों की नागरिकता की स्थिति पर निर्णय लेते हैं जिनके विदेशी होने का संदेह है।

असम में करीब 100 विदेशी न्यायाधिकरण कार्यरत हैं।

नियम के अनुसार, यदि ये लोग गुवाहाटी उच्च न्यायालय का रुख नहीं करते हैं, तो विदेश मंत्रालय द्वारा उचित प्रक्रिया के बाद इन्हें उनके देश में वापस भेजा जाएगा।

हैदराबाद के सांसद ने कहा, ‘‘इसकी (ट्रांजिट कैंप में भेजे गए 28 लोगों की) पूरी जिम्मेदारी असम पुलिस की सीमा शाखा पर है। असम पुलिस (सीमा शाखा) पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करती है और किसी को भी मनमाने तरीके से विदेशी घोषित कर देती है। और फिर मामला विदेशी न्यायाधिकरणों के पास जाता है। इसके बाद विदेशी न्यायाधिकरणों द्वारा अपनाया गया तरीका भी मनमाना है।’’

ओवैसी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में कहा था कि यह पूरी प्रक्रिया ‘‘घोर अन्याय’’ है। उन्होंने आरोप लगाया कि असम पुलिस की सीमा शाखा और वहां काम करने वाले कई विदेशी न्यायाधिकरण मनमाने ढंग से कामकाज कर रहे हैं।

ओवैसी ने कहा, ‘‘यह पूरी प्रक्रिया मनमानी है। उन्हें (28 लोगों को) दो साल तक हिरासत में रखा जाएगा। आप उन्हें बांग्लादेश नहीं भेज सकते और बांग्लादेश उन्हें स्वीकार नहीं करेगा।’’ उन्होंने कहा कि उनके (28 लोगों के) परिवार के अन्य सदस्य भारतीय हैं।

जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर ओवैसी ने मीडिया की खबरों का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र सितंबर से इस पर काम करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जनगणना के साथ-साथ एनपीआर-एनआरसी पर भी काम करेंगे।

हरियाणा में गो तस्कर समझकर 12वीं कक्षा के छात्र की हत्या की घटना पर उन्होंने कहा कि हत्यारे, तथाकथित ‘गोरक्षक’ नहीं, राक्षस हैं। उन्होंने सवाल किया कि उनके पास हथियार कैसे आए?

ओवैसी ने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार ऐसे राक्षसों को बढ़ावा दे रही है और उन्हें हथियार मुहैया करा रही है। उन्होंने दावा किया कि गोरक्षकों को कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति दी जा रही है और लोग अपनी जान गंवा रहे हैं।

पुलिस ने मंगलवार को बताया कि 23 अगस्त को हरियाणा के फरीदाबाद में पांच संदिग्ध गोरक्षकों के एक समूह ने छात्र का कथित तौर पर कार से पीछा किया और गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। गोरक्षकों ने दावा किया था कि उन्होंने गलती से छात्र को गो तस्कर समझ लिया था।

सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

Updated 22:05 IST, September 4th 2024