अपडेटेड 15 April 2024 at 14:32 IST

पहले चरण के चुनाव में केजरीवाल नहीं कर सकेंगे प्रचार, सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में कोई अंतरिम राहत नहीं दी है।

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Arvind Kejriwal
अरविंद केजरीवाल | Image: R Bharat

Delhi Liquor Scam: दिल्ली के शराब घोटाले में फिलहाल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) को राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उनकी याचिका पर जल्दी सुनवाई से करने से इनकार कर दिया है। अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 29 अप्रैल को करेगी। वहीं 19 अप्रैल को देश में लोकसभा चुनाव शुरू हो रहे हैं। इस दौरान अरविंद केजरीवाल चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार सीएम अरविंद केजरीवाल को सोमवार (15 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में कोई अंतरिम राहत नहीं दी है। उन्होंने इस बात की याचिका डाली थी कि उनकी याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई की जाए। इसके अलावा उन्होंने चुनाव प्रचार करने की मांग भी की थी। केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि पहले चरण का चुनाव 19 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं इसलिए उन्हें राहत दी जाए और उनके मामलों की जल्द से जल्द सुनवाई की जाए।

क्या है दिल्ली का शराब घोटाला?

दिल्ली की आप सरकार ने 17 नवंबर 2021 को देश की राजधानी में नई एक्साइज पॉलिसी के तहत सरकार के रेवेन्यू में फायदा होने की बात कही थी। इसके लगभग एक साल बाद जुलाई 2022 में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने एक्साइज पॉलिसी में अनियमितता को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को एक रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट में दिल्ली की नई एक्साइज पॉलिसी में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर शराब कारोबारियों को लेकर अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया गया था। इसके आधार पर उपराज्यपाल ने दिल्ली की नई आबकारी नीति (2021-22) के नियमों के उल्लंघन कई अन्य खामियों का हवाला देकर 22 जुलाई 2022 को सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।

सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपए राजस्व का नुकसान

उपराज्यपाल की शिकायत पर सीबीआई ने दिल्ली की नई एक्साइज पॉलिसी पर एफआईआर दर्ज की और इसी आधार पर ईडी ने मनी इस केस को लेकर आरोपियों पर मनी लान्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। इस कथित घोटाले में सीबीआई और ईडी का आरोप है कि नई एक्साइज पॉलिसी को संशोधित करते समय अनियमितता की गई थी और लाइसेंसधारकों को इस स्कीम से अनुचित लाभ पहुंचाया गया था। इस नीति से सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 15 April 2024 at 14:08 IST