अपडेटेड 7 August 2023 at 13:49 IST
Mahadev Mandir: 12 ज्योतिर्लिंगों का समावेश है ये एक शिवलिंग, महादेव खुद हुए थे प्रकट, जानें क्या है खासियत?
भारत में 12 ज्योतिर्लिंगों के अलावा भी कई ऐसे प्राचीन शिव मंदिर हैं, जिनके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। तो चलिए आज एक ऐसे ही शिव मंदिर के बारे में जानते हैं।
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Ujjain Ka Anokha Mahadev Mandir: सावन का पावन महीना चल रहा है। ऐसे में सभी लोग शिवभक्ति में डूबे हुए हैं, वहीं कुछ लोग इस माह में ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के लिए भी पहुंच रहे हैं। वैसे तो भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से सबसे प्रसिद्ध मध्य प्रदेश के महाकालेश्वर मंदिर के बारे में तो लगभग हर कोई जानता है, लेकिन क्या आप मध्य प्रदेश में स्थित महादेव के अनोखे मंदिर के बारे में जानते हैं जो 12 ज्योतिर्लिंगों का समावेश है, नहीं तो चलिए आज हम आपको उज्जैन के ही एक और महाकाल की खासियत के बारे में बताते हैं।
स्टोरी में आगे ये पढे़ं......
- कहां है महादेव का ये अनोखा मंदिर, क्या है इसका नाम?
- कैसे हुई इस मंदिर की उत्पत्ति?
- क्या है इस शिव मंदिर की खासियत?
- उज्जैन के अनोखे मंदिर का रहस्य?
कहां है महादेव का ये अनोखा मंदिर, क्या है इसका नाम?
मध्य प्रदेश के उज्जैन से कुछ किलोमीटर दूर दंगवाड़ा में शिव जी का एक और प्रसिद्ध और अनोखा मंदिर स्थित है। सावन में यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रहती है। इस शिव मंदिर का नाम 'बोरश्वर महादेव मंदिर' है। कहा जाता है कि ये मंदिर 5000 साल पुराना है, जिसे लेकर कई तरह की मान्यताएं और रहस्य हैं।
कैसे हुई इस मंदिर की उत्पत्ति?
बोरश्वर महादेव मंदिर के बारे में कहा जाता है कि ये महादेव की स्वयंभूलिंग मूर्ति हैं। यानी यहां भगवान शिव खुद प्रकट हुए थे। इस मंदिर को लेकर ये भी कहा जाता है कि ये 12 ज्योतिर्लिंगों का समावेश है। यहां सावन के हर सोमवार को भक्तों की भारी भीड़ लगती है और खास बात ये हैं कि जिस तरह से उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भगवान शिव का हर दिन अलग श्रंगार होता है ठीक उसी तरह से बोरश्वर महादेव मंदिर में भी भोलेनाथ को विशेष रुप सजाया जाता है।
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क्या है इस शिव मंदिर की खासियत?
बोरश्वर महादेव मंदिर की खासियत है कि इनकी जलाधारी से कभी पानी खत्म नहीं होता है। चंबल नदी भी इस मंदिर की परिक्रमा करके निकलती है।
उज्जैन के अनोखे मंदिर का रहस्य?
- इस मंदिर को लेकर लोगों का कहना है कि यहां नंदी महाराज रात में चलते हुए भक्तों को दर्शन देते हैं। कहते हैं कि मंदिर के अंदर रातभर घंटी बजती रहती है, जो लोगों को दिखाई भी देती है।
- इसके अलावा मंदिर का सबसे बड़ा रहस्य है जिसका पता आजतक नहीं लगाया जा सका है। दरअसल, यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मंदिर पर चढ़ाए गए सिक्के खुद ब खुद चंबल नदी में पहुंच जाते हैं। इतना ही नहीं इन सिक्कों के नदी में जाने की आवाजें भी सुनाई देती हैं।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
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Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 7 August 2023 at 13:48 IST