अपडेटेड 30 April 2024 at 22:52 IST
अमित शाह एडिटेड वीडियो केस में बढ़ा जांच का दायरा, सपा प्रत्याशी लालजी वर्मा पर दर्ज हुआ केस
गृहमंत्री अमित शाह से एडिटेड वीडियो मामले में समाजवादी पार्टी के अंबेडकरनगर लोकसभा सीट से प्रत्याशी लालजी वर्मा पर FIR दर्ज हुई है।
- भारत
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Amit Shah edited video case: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से एडिटेड वीडियो मामले में दिल्ली पुलिस की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। इस मामले में अब समाजवादी पार्टी के अंबेडकरनगर लोकसभा सीट से प्रत्याशी लालजी वर्मा पर एफआईआर दर्ज हुई है।
लालजी वर्मा पर 28 अप्रैल को केस दर्ज हुआ है। बीती रात सपा प्रत्याशी के घर पुलिस पहुंची और उन्हें नोटिस थमाया। गृहमंत्री अमित शाह का एडिटेड वीडियो वायरल करने पर के मामले में उन पर केस दर्ज हुआ है।
एडिटेड वीडियो मामले में अब तक दो गिरफ्तार
गृह मंत्री अमित शाह के वीडियो के साथ छेड़खानी करने करने के मामले में अहमदाबाद साइबर क्राइम ने बड़ी कार्रवाई की है। अहमदाबाद की डीसीपी, साइबर क्राइम डॉ. लवीना सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया कि गृह मंत्री अमित शाह के भाषण को तोड़-मरोड़ कर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के आरोप में साइबर क्राइम ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
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इस मामले में अहमदाबाद साइबर क्राइम टीम ने कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी के PA सतीश वंसोला और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता आर.बी बारिया को गृह मंत्री अमित शाह का वीडियो एडिट कर वायरल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों को IPC 153, 153A, 171G, 469, 5050 (1)b की धारा में गिरफ्तार किया गया है। इसी मामले में सबसे पहले दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज कर जांच करनी शुरू की थी।
महाराष्ट्र में भी मुकदमा दर्ज
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अमित शाह के फेक वीडियो को शेयर करने के आरोप में मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र युवा कांग्रेस के सोशल मीडिया हैंडल और 16 अन्य लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया है। ये केस कथित तौर पर अमित शाह का डीपफेक वीडियो शेयर करने के आरोप में दर्ज किया गया है। डीपफेक वो तकनीक है, जिससे एक वीडियो में छेड़छाड़ कर किसी ऐसे व्यक्ति के चेहरे को उसमें फिट किया जाता है, जो उस वीडियो का हिस्सा ही नहीं होता। इस तकनीक के माध्यम से छेड़छाड़ कर बनाए गए वीडियो में असली और नकली का अंतर बता पाना बहुत मुश्किल होता है।
वीडियो में क्या है?
जिस वीडियो पर बवाल हो रहा है। उसमें अमित शाह अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के आरक्षण अधिकारों को खत्म करने की घोषणा करते हुए नजर आ रहे हैं। शिकायतकर्ता के अनुसार, अमित शाह का डीपफेक वीडियो बनाया गया, उसे पोस्ट किया गया और इंटरनेट पर साझा किया गया। जिसके पीछे आरोपियों का मकसद केंद्रीय मंत्री को बदनाम करना था।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 30 April 2024 at 22:52 IST