अपडेटेड 13 April 2024 at 20:18 IST
Ambedkar Jayanti 2024: क्यों मनाई जाती है डॉ. भीम राव अंबेडकर की जयंती? जानें महत्व और इतिहास
Dr Bhim Rao Ambedkar जयंती के मौके पर अंबेडकर जयंती के इतिहास, महत्व और वह सब कुछ जिसके बारे में जानना जरूरी है उस पर एक नजर डालते हैं।
- भारत
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Ambedkar Jayanti 2024: हर साल 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर की जयंती मनाई जाती है, जिन्हें बाबासाहेब अम्बेडकर के रूप में भी जाना जाता है। 14 अप्रैल का यह दिन भारतीय इतिहास में बहुत ही महत्व रखता है, क्योंकि यह सामाजिक न्याय, समानता और हाशिये पर रहने वाले समुदायों के सशक्तिकरण के प्रति डॉ. अम्बेडकर के उल्लेखनीय योगदान का सम्मान करता है।
इस साल यानी 14 अप्रैल 2024 में भीम राव अंबेडकर की 134वीं जयंति मनाई जाएगी। ऐसे में आइए इस मौके पर अंबेडकर जयंती के इतिहास, महत्व और वह सब कुछ जिसके बारे में जानना जरूरी है उस पर एक नजर डालते हैं।
डॉ. बीआर अंबेडकर का इतिहास
14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में एक दलित परिवार में जन्मे डॉ. बीआर अंबेडकर ने भारतीय इतिहास में सबसे प्रमुख शख्सियतों में से एक बनने के लिए कई सारी बाधाओं को पार किया। अपने पूरे जीवन में भेदभाव और प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने के बावजूद डॉ. अम्बेडकर एक महान नेता, विद्वान, न्यायविद् और समाज सुधारक के रूप में उभरे, जिन्होंने अपना जीवन उत्पीड़ित समुदायों, विशेषकर दलितों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया।
डॉ. बीआर अंबेडकर जयंती का महत्व
अम्बेडकर जयंती मनाने के पीछे का महत्व है कि यह दिन भारतीय समाज से सामाजिक असमानता, जातिगत भेदभाव और अन्याय को मिटाने के लिए डॉ. अम्बेडकर के अथक प्रयासों की याद दिलाती है। उनके दूरदर्शी नेतृत्व ने आधुनिक भारत को आकार देने और एक अधिक समावेशी और न्यायसंगत राष्ट्र की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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भारतीय संविधान में रहा डॉ. बीआर अंबेडकर का योगदान
डॉ. अंबेडकर के योगदान में भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करना शामिल है, जो सभी नागरिकों के लिए समानता, स्वतंत्रता और न्याय के सिद्धांतों के साथ-साथ दलितों, महिलाओं और मजदूरों सहित हाशिए पर रहने वाले समुदायों के अधिकारों की वकालत करता है।
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Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 13 April 2024 at 20:18 IST