अपडेटेड 3 July 2025 at 09:44 IST
अमरनाथ यात्रा की शुरुआत आज, 3 जुलाई को सुबह की आरती के साथ यात्रा औपचारिक रूप से हो गई। 'बम-बम भोले' और भारत माता की जय के जयकारों के साथ पहले जत्थे ने आज पवित्र गुफा में पहुंचकर बाबा बर्फानी के दर्शन किए और प्रातःकालीन आरती में हिस्सा लिया। बाबा बर्फानी के दर्शन की खुशी भोले के भक्तों के चेहरे पर साफ नजर आई। वहीं, जम्मू से दूसरा जत्था भी श्रद्धा, भक्ति और उत्साह के साथ बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए रवाना हो गया है।
जम्मू-कश्मीर की वादियों में इन दिनों शिवभक्ति का माहौल पूरी तरह छा गया है। हर-हर महादेव और बम भोले के जयकारों के साथ घाटी गूंज रही है। अमरनाथ यात्रा की शुरुआत के साथ ही गुरुवार को पहला जत्था पवित्र गुफा में पहुंचा। बाबा बर्फानी की प्राकृतिक हिम-शिवलिंग के दर्शन करते हुए श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की और सुख-समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगा। यात्रा के लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह देखते ही बन रहा है।
पहलगाम बेस कैंप से रवाना होने वाले अमरनाथ यात्रियों के पहले जत्थे में शामिल एक तीर्थयात्री ने कहा, हम पहले जत्थे (पहलगाम से) में बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए जा रहे हैं। हमें आतंकवाद का डर नहीं है और हम अमरनाथ यात्रा को सफलतापूर्वक पूरा करेंगे। सुविधाएं बेहतरीन हैं। हम अमरनाथ श्राइन बोर्ड के आभारी हैं।
अमरनाथ यात्रा पर कश्मीर के संभागीय आयुक्त विजय कुमार बिधूड़ी ने कहा, यह यात्रा सिर्फ धार्मिक यात्रा नहीं है। इसमें सुरक्षा बल, पिट्ठू, टेंट, हर सेवा प्रदाता शामिल होता है। श्रद्धालुओं में उत्साह अद्वितीय होता है। मैं प्रार्थना करता हूं कि सभी की मनोकामनाएं पूरी हों और कश्मीर तथा देश के बाकी हिस्सों में शांति और खुशहाली बनी रहे।
श्रद्धालुओं का एक और जत्था 'हर हर महादेव' और 'बम बम भोले' के जयकारों के साथ श्री अमरनाथ बाबा की पवित्र गुफा की यात्रा के लिए रवाना हुआ। सुरक्षा व्यवस्था भी पूरी तरह चाक-चौबंद है। पुलिस, सेना और अन्य एजेंसियों की निगरानी में यात्रियों को पूरी सुविधा और सुरक्षा दी जा रही है। रास्तों में जगह-जगह शिविर, स्वास्थ्य केंद्र और रिफ्रेशमेंट पॉइंट्स की व्यवस्था की गई है।
रामबन स्वास्थ्य विभाग ने तीर्थयात्रियों के लिए रामबन जिले में NH-44 के किनारे अमरनाथ यात्रा मार्ग पर 17 चिकित्सा शिविर स्थापित किए हैं। इस साल अमरनाथ यात्रा पहले से अधिक संगठित और श्रद्धा से परिपूर्ण नजर आ रही है। हर कदम पर शिवभक्तों की आस्था और भगवान शंकर की दिव्यता ने वातावरण को अलौकिक बना दिया है।
कुल 38 दिनों तक चलने वाली यह पवित्र यात्रा श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक आस्था, साहस और समर्पण का प्रतीक मानी जाती है। देश के कोने-कोने से हजारों तीर्थयात्री जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ की पवित्र गुफा में दर्शन करते हैं। यह गुफा समुद्र तल से 12,700 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर स्थित है और इसमें प्राकृतिक रूप से बना बर्फ का शिवलिंग है, जिसे भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। 9 अगस्त को सावन पूर्णिमा के दिन अमरनाथ यात्रा सम्पन्न होगी।
पब्लिश्ड 3 July 2025 at 09:44 IST