अपडेटेड 9 January 2022 at 21:20 IST

जमशेदपुर: एमजीएम अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप; कोरोना संक्रमित गर्भवती को इलाज न मिलने से जच्चा-बच्चा की मौत

आरोप है कि एमजीएम अस्पताल प्रबंधन ने कोरोना पॉजिटिव एक गर्भवती महिला को एडमिट नहीं किया। जिसके कारण जच्चा-बच्चा की मौत हो गई है।

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जमशेदपुर का एमजीएम अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आई है। आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने कोरोना पॉजिटिव एक गर्भवती महिला को एडमिट नहीं किया था। जिसके कारण जच्चा-बच्चा की मौत हो गई है। जच्चा-बच्चा की मौत से गुस्साए परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया है। परिजनों ने झारखंड सरकार और झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है। 

परिजनों ने बताया कि वे लोग बागबेड़ा में रहते हैं। बीती रात महिला को प्रसव पीड़ा हुई, जिसके बाद उसे प्रसव के लिए एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराए। जहां अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि महिला में खून की कमी है। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों से खून लाने को कहा। थोड़ी देर बाद अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि अभी डॉक्टर नहीं है। इसके थोड़ी देर बाद अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को बताया कि प्रसूता की मौत हो गई है, उसके साथ नवजात की भी मौत हो गई है। परिजनों के मुताबिक अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें बताया कि प्रसूता कोरोना से संक्रमित थी। अब मृतका के परिजन अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुआवजे की मांग कर रहे हैं। 

इधर, बीजेपी ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। बीजेपी ने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि इससे बेहतर सरकार एमजीएम में ताला लगा दे। 

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने इसे संवेदनहीनता की पराकाष्ठा बताते हुए कहा कि एमजीएम अस्पताल समेत पूरे झारखंड में लगातार हो रही लापरवाही पर बन्ना गुप्ता को मंत्री पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नही है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में बढ़ते अपराध और गिरती कानून व्यवस्था से तो जंगलराज का आगमन हो ही चुका है अब आमजनों को इलाज के आभाव में अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है।

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उन्होंने कहा, एमजीएम अस्पताल की यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है और राजकीय शर्म की बात है। अस्पताल के डॉक्टर की भारी लापरवाही का खामियाजा जच्चा-बच्चा को जान देकर चुकानी पड़ी है। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के गृह जिले में इस प्रकार की संवेदनहीन घटना सिद्ध करती है कि पूरा स्वास्थ्य विभाग कुम्भकर्णी निद्रा में सोई हुई है। एमजीएम अस्पताल में बार बार और लगातार हो रहे ऐसी घटना पर कुणाल षाड़ंगी ने एमजीएम अस्पताल में ताला लगा देने का सुझाव दिया है, जिससे जरूरतमंद को इलाज की आस में अपनी जान नहीं गंवानी पड़ेगी। 

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वहीं, षाड़ंगी ने ईलाज में लापरवाही बरतने वाले सभी डॉक्टर एवं विभागीय अधिकरियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने एवं कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित कर जेल भेजने की मांग की है।

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Published By : Munna Kumar

पब्लिश्ड 9 January 2022 at 21:20 IST