sb.scorecardresearch

पब्लिश्ड 10:38 IST, June 11th 2024

किसान संगठन की बड़ी मांग, संसद को लिंचिंग, घृणा अपराध रोकने के लिए कानून बनाने चाहिए

ऑल इंडिया किसान सभा ने संसद से मॉब लिंचिंग और घृणा अपराधों को रोकने के लिए कानून बनाने की मांग की है।

Reported by: Digital Desk
Follow: Google News Icon
  • share
Kisan Andolan
किसान आंदोलन | Image: PTI/File

ऑल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस) ने संसद से ‘मॉब लिंचिंग’ (भीड़ द्वारा पीट पीटकर मार डालने) और घृणा अपराधों को रोकने के लिए कानून बनाने की सोमवार को मांग की।एआईकेएस ने यह मांग छत्तीसगढ़ में तीन मवेशी ट्रांसपोर्टर के खिलाफ भीड़ द्वारा की गई हिंसा का विरोध प्रदर्शन करते हुए की।

सोमवार को यहां जारी एक बयान में, एआईकेएस ने छत्तीसगढ़ के महासमुंद-रायपुर सीमा पर महानदी पुल पर सात जून, 2024 को मवेशियों को ले जाने वाले श्रमिकों की ‘‘हत्या’’ और एक अन्य श्रमिक को गंभीर रूप से घायल करने का कड़ा विरोध किया। इसमें शामिल लोगों को "आपराधिक गैंगस्टर" कहते हुए, एआईकेएस ने कहा कि 15-20 लोगों का एक समूह ओडिशा की ओर जा रहे जानवरों से भरे ट्रक का पीछा कर रहा था।

मॉब लिचिंग को रोकने के लिए कानून बने

उन्होंने कहा कि समूह ने टायरों की हवा निकालने के लिए पुल पर कीलें लगाईं और ट्रक को रोकने के बाद, चालकों को बुरी तरह पीटा गया और पुल से 30 फीट नीचे पत्थरों पर फेंक दिया गया। एआईकेएस ने कहा, "तहसीन कुरैशी की मौके पर ही मौत हो गई और चांद खान को अस्पताल पहुंचने के बाद मृत घोषित कर दिया गया। एक अन्य व्यक्ति सद्दाम कुरैशी को गंभीर चोटें आईं और वह अस्पताल में है। यह बहुत स्पष्ट है कि यह पूर्व नियोजित हत्या और घृणा अपराध की घटना है, न कि भीड़ द्वारा हत्या।’’

इसने कहा कि राज्य पुलिस ने हत्या के प्रयास और गैर इरादतन हत्या के लिए आईपीसी की धारा 304 और 307 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है, जिसके लिए दो साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। उसने कहा, "पुलिस ने हत्या के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 को शामिल नहीं किया है। वे इस गंभीर चूक को गोरक्षा के नाम पर संदिग्ध भीड़ द्वारा हत्या के रूप में जायज ठहराते हैं।"

उसने कहा, ‘‘एआईकेएस राजग के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और नव निर्वाचित संसद से गोरक्षा के नाम पर भीड़ द्वारा हत्या और घृणा अपराधों को रोकने के लिए एक कानून बनाने, पशुपालकों, व्यापारियों और उद्योग में श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए मुकदमे और सजा में तेजी लाने के लिए त्वरित सुनवायी अदालत स्थापित करने की पुरजोर मांग करता है।’’

यह भी पढ़ें: दोषी को फांसी दी जाए, 1 करोड़ की रंगदारी मामले में FIR पर भड़के पप्पू
 

(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

अपडेटेड 10:38 IST, June 11th 2024