अपडेटेड 29 November 2024 at 15:06 IST

गोवा के सभी सरकारी कार्यालयों में अगले 45 दिनों में यौन उत्पीड़न समितियां होंगी: मुख्यमंत्री सावंत

CM प्रमोद सावंत बोले-मुझे हैरानी हुई कि मौजूदा आंतरिक समितियों में से कुछ में पुरुष कर्मचारी सदस्य हैं। अगर पुरुष सदस्य यौन उत्पीड़न में शामिल हो तो क्या होगा?

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Goa CM Pramod Sawant
गोवा सीएम प्रमोद सावंत | Image: PTI

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने शुक्रवार को कहा कि राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों में अगले डेढ़ महीने के भीतर पॉश (कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध एवं निवारण) अधिनियम) के तहत महिला कर्मचारियों की शिकायतों की जांच के लिए समितियां होंगी।

मडगांव में ‘पॉश’ पर एक ‘ओरिएंटेशन कार्यक्रम’ को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समितियों के गठन के बाद उनके सदस्यों को उनकी भूमिकाओं के बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी आश्चर्य व्यक्त किया कि कुछ मौजूदा समितियों में पुरुष सदस्य हैं।

सावंत ने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव को एक परिपत्र जारी करने का आदेश दिया है, जिसमें सभी सरकारी कार्यालयों और सहायता प्राप्त स्कूलों को ‘पॉश’ के तहत यौन उत्पीड़न पर एक आंतरिक समिति गठित करने का निर्देश दिया जाए।

उन्होंने कहा कि दस से अधिक कर्मचारियों वाले निजी कार्यालयों में यौन उत्पीड़न पर एक आंतरिक समिति भी होनी चाहिए, जो कामकाजी महिलाओं को ‘‘सुरक्षित वातावरण’’ सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।

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उन्होंने कहा, ‘‘मुझे हैरानी हुई कि मौजूदा आंतरिक समितियों में से कुछ में पुरुष कर्मचारी सदस्य हैं। अगर वही पुरुष सदस्य यौन उत्पीड़न में शामिल हो तो क्या होगा?’’

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मुख्यमंत्री ने कहा कि समितियों में किसी व्यक्ति विशेष के बजाय पदनाम से जुड़े सदस्य होने चाहिए ताकि अगर किसी अधिकारी का तबादला हो जाए तो समिति भंग न हो। उन्होंने कहा, ‘‘उसी रैंक की कोई दूसरी महिला अधिकारी पदभार संभाल सकती है।’’
 

(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 29 November 2024 at 15:06 IST