अपडेटेड 28 September 2025 at 07:25 IST

Vijay Rally Stampede: हजारों की भीड़, 7 घंटे की देरी या बच्ची का गुम होना... क्या थी विजय की रैली में मची भगदड़ की असल वजह?

Vijay Rally Stampede: विजय की रैली में बड़ी संख्या में भीड़ जुट गई। वहीं, वो खुद इस रैली में कई घंटों की देरी से पहुंचे। उनको दोपहर को पहुंचना था, लेकिन यहां पहुंचने में उन्हें करीब 7 घंटे की देरी हुई। इस दौरान हजारों की संख्या में लोग बिना पर्याप्त भोजन और पानी के उनका इंतजार करते रहे।

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Vijay rally stampede
Vijay rally stampede | Image: Republic

Vijay Rally Stampede: तमिलनाडु के करूर में बीते दिन हुए एक दर्दनाक हादसे ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। एक्टर से नेता बने विजय की रैली में अचानक भगदड़ मचने से 39 लोगों की मौत हो गई। हादसे में 50 से ज्यादा लोग घायल हुए, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। पूरी घटना को लेकर सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर ये भगदड़ कैसे मची? इसके दर्दनाक हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है?

तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) प्रमुख विजय ने बीते दिन करूर में रैली का आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में भीड़ जुट गई। वहीं, विजय इस रैली में कई घंटों की देरी से पहुंचे। उनको दोपहर को पहुंचना था, लेकिन यहां पहुंचने में उन्हें करीब 7 घंटे की देरी हुई। इस दौरान हजारों की संख्या में लोग उनका इंतजार करते रहे।

DGP ने क्या बताया? 

भगदड़ क्यों मची? इसको लेकर कई वजहें सामने आ रही हैं। तमिलनाडु के प्रभारी डीजीपी जी. वेंकटरमण ने बताया कि पहले TVK की रैलियों में कम भीड़ होती थी, लेकिन इस बार उम्मीद से कहीं ज्यादा लोग जुटे। हालांकि आयोजकों ने करूर में एक बड़े मैदान की मांग की थी और लगभग 10 हजार लोगों के आने की उम्मीद थी, लेकिन करीब 27,000 लोग इकट्ठा हो गए। डीजीपी ने बताया कि जिस प्रचार स्थल पर विजय को जनता को संबोधित करना था, वहां 500 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात थे।

घंटों तक बिना पानी-खाने के इंतजार करते रहे लोग

उन्होंने यह भी बताया कि रैली की अनुमति दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे तक दी गई थी, लेकिन भीड़ सुबह 11 बजे से ही जुटनी शुरू हो गई थी। विजय वहां शाम 7:40 बजे पहुंचे, तब तक भीड़ बिना पर्याप्त भोजन और पानी के घंटों इंतजार कर रही थी। यही सच्चाई है।

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उन्होंने कहा कि विजय ने खुद पुलिस की भूमिका की सराहना की, लेकिन जोर देकर कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को भीड़ प्रबंधन की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। इसका मतलब यह नहीं है कि पुलिस को 27 हजार की पूरी भीड़ के बराबर संख्या में तैनात करना चाहिए। इस दुखद घटना के पीछे के कारणों का पता जांच के बाद ही चलेगा। एक सदस्यीय आयोग का गठन पहले ही किया जा चुका है। तब तक मैं इस पर और कोई टिप्पणी नहीं कर सकता।

9 साल की बच्ची के गुम होने से मची भगदड़? 

भारी भीड़ और रैली में विजय के देरी से पहुंचने के अलावा मामले में एक बच्ची के गुम होने का एंगल भी निकलकर सामने आया है। बताया जा रहा है कि भगदड़ तब शुरू हुई जब रैली में 9 साल की बच्ची लापता हो गई। उसे ढूंढने के लिए लोग एक ही दिशा में तेजी से बढ़ने लगे। देखते ही देखते वहां स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। जब विजय ने देखा कि उनकी रैली में भगदड़ मच गई है तो उन्होंने अपना भाषण रोक दिया। बच्ची के खोने पर वो पुलिसवालों से उसे ढूंढने की रीक्वेस्ट भी करते नजर आए। विजय ने कहा- पुलिस प्लीज मदद कीजिए।

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भगदड़ मचने पर भाषण रोक विजय ने लोगों को पानी बांटा। साथ ही साथ कथित तौर पर घुटन महसूस कर रहे लोगों के लिए एम्बुलेंस का भी इंतजाम किया। हालांकि भीड़ इतनी अधिक थी कि उन्हें लोगों को अस्पताल तक पहुंचाने में देरी हुई।

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Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 28 September 2025 at 07:22 IST