Published 14:12 IST, August 30th 2024
BIG BREAKING: अकाली दल के लीडर सुखबीर बादल को धार्मिक सजा, श्री अकाल तख्त ने 'तनखैया' घोषित किया
सुखबीर सिंह बादल को धार्मिक सजा सुनाई गई है। श्री अकाल तख्त साहिब ने सुखबीर बादल को धार्मिक कदाचार का दोषी करार देते हुए 'तनखैया' घोषित किया है।
Sukhbir Singh Badal: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सरदार प्रकाश सिंह बादल के बेटे और शिरोमणि अकाली दल के सुप्रीमो सुखबीर सिंह बादल को धार्मिक सजा सुनाई गई है। श्री अकाल तख्त साहिब ने सुखबीर बादल को धार्मिक कदाचार का दोषी करार देते हुए 'तनखैया' घोषित किया है।
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल को 2007 से 2017 तक उनकी पार्टी की सरकार के समय की गई 'गलतियों' के लिए धार्मिक सजा मिली है। श्री अकाल तख्त साहिब के पांच सिख जत्थेदारों ने सुखबीर बादल को 'तनखिया' (धार्मिक दुराचार का दोषी) घोषित किया है। अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने ये फैसला सुनाया और उन्हें 15 दिनों के भीतर अकाल तख्त साहिब में पेश होने को कहा।
किन फैसलों के लिए मिली सुखबीर को सजा?
सर्वोच्च सिख धार्मिक पीठ अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने कहा कि ये सर्वसम्मति से तय किया गया है कि सुखबीर बादल ने उपमुख्यमंत्री और शिअद अध्यक्ष रहते हुए ऐसे फैसले लिए, जिनसे पार्टी प्रभावित हुई और सिख हितों को नुकसान पहुंचा। जत्थेदार ने कहा कि जब तक बादल गुरु ग्रंथ साहिब की मौजूदगी में अकाल तख्त के सामने पेश होकर अपनी गलतियों के लिए माफी नहीं मांगते, तब तक उन्हें 'तनखैया' घोषित किया जाता है।
सुखबीर सिंह बादल के बारे में जानिए
9 जुलाई 1962 को जन्मे सुखबीर सिंह बादल 2008 से शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष हैं। उन्होंने 2009 से 2017 तक उप मुख्यमंत्री के रूप में पंजाब की राजनीतिक कमान संभाली। सुखबीर बादल शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष बनने वाले सबसे कम उम्र के लीडर हैं। 2012 के पंजाब विधानसभा चुनाव सुखबीर सिंह बादल के राजनीतिक जीवन में सबसे महत्वपूर्ण रहे। इन चुनावों में उन्होंने शिरोमणि अकाली दल को अभूतपूर्व जीत दिलाई और पहली बार पंजाब में सत्ता विरोधी आंदोलन का भ्रम खत्म हुआ।
Updated 14:45 IST, August 30th 2024