अपडेटेड 8 September 2023 at 10:36 IST

Aja Ekadashi 2023: कब है अजा एकादशी व्रत? जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि और सबकुछ

Aja Ekadashi 2023: अगर आप अजा एकादशी का व्रत रखने वाले हैं तो आपको इसकी तारीख, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त जान लेने चाहिए।

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अजा एकादशी तिथि (फोटो : Shutterstock)
अजा एकादशी तिथि (फोटो : Shutterstock) | Image: self

Aja Ekadashi 2023: अजा एकादशी या जया एकादशी का व्रत भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मान्यता है कि अगर अजा एकादशी के दिन कोई व्यक्ति भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए व्रत करता है तो उसके जीवन में सुख, समृद्धि और धन हमेशा रहता है। तो चलिए जानते हैं कि अजा एकादशी कब है और आप किस पूजन विधि के साथ भगवान विष्णु को प्रसन्न कर सकते हैं। 

स्टोरी में आगे पढ़ें...

  • अजा एकादशी की तारीख
  • इस दिन रख सकते हैं व्रत
  • पूजा का शुभ मुहूर्त

कब है अजा एकादशी

पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि का आरंभ 9 सितंबर को शाम 7 बजकर 17 मिनट से होगा और ये अगले दिन रविवार यानी 10 सितंबर रात 9 बजकर 28 मिनट तक रहेगी। खास बात ये है कि इस बार इस दिन पुनवर्स और पुष्य नक्षत्र का आरंभ भी हो रहा है। ऐसे में अजा एकादशी का व्रत 10 सितंबर को ही रखा जाना चाहिए।

शुभ मुहूर्त

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इस बार अजा एकादशी के दिन रवि पुष्य योग और सर्वाद्ध सिद्धि योग बन रहा है। ये दोनों योग बेहद खास हैं। ऐसे में अगर अजा एकादशी के शुभ मुहूर्त की बात की जाए तो पूजा का शुभ मुहूर्त 10 सितंबर की सुबह 2 बजकर 37 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक है। इसके अलावा व्रत खोलने के लिए 11 सितंबर की सुबह 6 बजकर 4 मिनट से 8 बजकर 33 मिनट तक का शुभ मुहूर्त है। 

अजा एकादशी व्रत की पूजा विधि

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  • एकादशी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। 
  • कोशिश करें कि इस दिन नए कपड़े पहनें।
  • इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। 
  • फिर मंदिर की साफ सफाई करें।
  • इसके बाद एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर और उसपर भगवान विष्णु की प्रतीमा या तस्वीर स्थापित करें।
  • इसके बाद एक लोटे में गंगाजल लेकर उसमें तिल, रोली और अक्षत मिलाएं।
  • फिर अगरबत्ती और दीपक जलाकर भगवान विष्णु की पूजा करें। 
  • भगवान विष्णु को पुष्प अर्पित करें।
  • इसके बाद एकादशी की कथा का पाठ करें। 
  • अब भगवान विष्णु को तुलसी जल और तिल का भोग लगाएं।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 8 September 2023 at 10:35 IST