अपडेटेड 20 August 2023 at 18:44 IST
ब्राह्मणों का वंशज कहे जाने पर बौखलाए ओवैसी, कहा- हम सब आदम और हौव्वा की संतानें
ओवैसी ने लिखा, "यह मेरे लिए हमेशा मनोरंजक होता है कि जब संघियों को एक वंशावली गढ़नी होती है, तब भी उन्हें मेरे लिए एक ब्राह्मण पूर्वज ढूंढना पड़ता है।"
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एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन औवेसी के परदादा को ब्राह्मण, हिंदू बताए जाने पर ओवैसी ने पलटवार किया है। उन्होंने रविवार, 20 अगस्त को एक ट्वीट में कहा कि संघ के लोगों को वंशावली गढ़ने के लिए मेरे पूर्वज भी ब्राह्मण खोजना पड़ता है। गौरतलब है कि इससे पहले डेमोक्रेटिव प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी बनाने वाले गुलाम नबी आजाद ने भी भारत में रह रहे मुसलमानों पर बयान दिया था।
स्टोरी में आगे पढ़ें:
- गुलाम नबी आजाद के बाद अब ओवैसी का बयान
- ओवैसी ने एक ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है
संघ को मेरे लिए ब्राह्मण पूर्वज ढूंढना पड़ता है- ओवैसी
जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम ने यह बयान देते हुए कहा था, "हिन्दू धर्म सबसे पुराना है, यहां तक कि इस्लाम भी हिन्दू धर्म के बाद आया है। भारत में पैदा हुआ हर व्यक्ति हिंदू है।" वहीं इस बयान के बाद अब औवैसी का भी बयान आया है। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह मेरे लिए हमेशा मनोरंजक होता है कि जब उन्हें (संघ को) एक वंश गढ़ना होता है, तब भी उन्हें मेरे लिए एक ब्राह्मण पूर्वज ढूंढना पड़ता है।"
हम सभी को अपने कर्मों का उत्तर स्वयं देना होगा। हम सभी एडम और हौव्वा की संतान हैं। जहां तक मेरी बात है, मुसलमानों के समान अधिकारों और नागरिकता के लिए लोकतांत्रिक संघर्ष आधुनिक भारत की आत्मा की लड़ाई है। यह 'हिंदूफोबिया' नहीं है '',ओवेसी ने ट्विटर पर लिखा
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यूजर ने क्या लिखा
बता दें कि ओवैसी ने जिस पोस्ट पर यह रिएक्शन दिया है, वह पूर्णिमा नाम की एक यूजर का है। यूजर ने अपने ट्वीट में दावा किया कि आज सभी मुसलमानों के पूर्वज हिंदू हैं और उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया। पोस्ट में दावा किया गया, ''फारूक अब्दुल्ला के परदादा बालमुकुंद कौल एक हिंदू ब्राह्मण थे, मोहम्मद जिन्ना के पिता हिंदू खोजा जाति के जिन्नाभाई खोजा थे।'' वहीं यूजर ने ट्वीट में कहा कि असदुद्दीन ओवैसी के परदादा तुलसीराम, हिंदू ब्राह्मण थे।
ओवैसी ने ट्वीट में क्या लिखा
इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए ओवैसी ने लिखा, "यह मेरे लिए हमेशा मनोरंजक होता है कि जब संघियों को एक वंशावली गढ़नी होती है, तब भी उन्हें मेरे लिए एक ब्राह्मण पूर्वज ढूंढना पड़ता है। हम सभी को अपने कर्मों का उत्तर स्वयं देना होगा। हम सभी आदम और हव्वा की संतानें हैं। जहां तक मेरी बात है, मुसलमानों के समान अधिकारों और नागरिकता के लिए लोकतांत्रिक संघर्ष आज के भारत की आत्मा की लड़ाई है। यह "हिंदूफोबिया" नहीं है।"
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Published By : Arpit Mishra
पब्लिश्ड 20 August 2023 at 18:44 IST