Updated March 29th, 2024 at 16:48 IST

मुख्तार अंसारी के गुनाहों से पीड़ित इन परिवारों को भी था इंसाफ का इंतजार, मौत पर ऐसे किया रिएक्ट

मुख्तार अंसारी ने साल 1978 की शुरुआत में महज 15 साल की उम्र से जरायम की दुनिया में कदम रखा और अनेक बेगुनाहों की मौत का जिम्मेदार रहा।

Reported by: Dalchand Kumar
मुख्तार अंसारी की मौत पर उसके आतंक से पीड़ित रहे परिवारों ने प्रतिक्रिया दी। | Image:ANI/Republic
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Mukhtar Ansari Death: माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के साथ अपराध के एक युग का अंत हो चुका है। गाजीपुर की गलियों से निकला मुफ्तार अंसारी दुर्दांत और सफेदपोश माफिया सरगना था। उसने लोगों में अपनी दहशत पैदा करने के लिए कई घर उजाड़ दिए थे। अभी मुख्तार अंसारी की मौत के बाद बहुत से लोगों को उसके आतंक से मुक्ति मिली है, जो इंसाफ का इंतजार कर रहे थे।

पूर्वांचल के सबसे कुख्यात माफिया मु्ख्तार अंसारी की गुरुवार देर शाम हार्ट अटैक से मौत हुई। जिन परिवारों को माफिया ने तबाह कर दिया था, उन घरों में जैसे ही मुख्तार अंसारी की मौत की खबर पहुंची तो इसे खुद के साथ इंसाफ मानकर इन लोगों की आंसें भर आईं। बीजेपी के पूर्व विधायक दिवंगत कृष्णानंद राय का परिवार, जिसने कृष्णानंद की हत्या के बाद से कभी होली नहीं मनाई, आज वो होली मना रहा है। मऊ के ठेकेदार मन्ना सिंह उर्फ अजय प्रकाश सिंह के परिवार में भी कुछ यही माहौल बना है।

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कृष्णानंद राय के परिवार ने होली मनाई

गाजीपुर जिले में बीजेपी तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय की 29 नवंबर 2005 को हत्या हुई थी। क्योंकि कृष्णानंद राय ने 1985 से अंसारी परिवार के पास रही गाजीपुर की मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट से अंसारी फैमिली के दबदबे को खत्म कर दिया था। 17 साल बाद 2002 के चुनाव में कृष्णानंद राय ने अंसारी परिवार से ये सीट छीन ली थी। हालांकि अपना कार्यकाल पूरा होने से दो साल पहले ही उनकी हत्या गई थी। हमलावरों ने उन पर 400 राउंड फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया था। इस हत्याकांड में मुख्तार अंसारी नामजद आरोपी थे। 29 अप्रैल 2023 को अंसारी को 10 साल कैद की सजा भी हुई थी। अभी अंसारी की मौत के बाद परिवार घर पर जश्न मना रहा है।

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अभी कृष्णानंद राय की पत्नी अल्का राय कहती हैं- 'बाबा का आशीर्वाद है, हमें न्याय मिला है। बाबा से प्रार्थना करती थी, बाबा के दरबार में गुहार लगाती थी, आज आशीर्वाद मिला है। धरती से बोझ खत्म हुआ है।' अल्का राय कहती हैं, 'हम होली का त्योहार नहीं मनाते थे, पर आज हमारे लिए होली का पर्व है।' कृष्णानंद राय के भतीजे आनंद राय कहते हैं- ‘19 साल के लंबे इंतजार के बाद आज परिवार में खुशी का माहौल है। भगवान ने ये खुशी का मौका हम लोगों को दिया है। रात से बधाईओं का ताता लगा हुआ है।’

कृष्णानंद राय की पत्नी अल्का राय (Image: ANI)

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मन्ना सिंह के बेटे की आंखों से छलके खुशी के आंसू

गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के आतंक ने मऊ के एक और परिवार की खुशियां छीन ली थीं। ये परिवार मऊ के ठेकेदार मन्ना सिंह उर्फ अजय प्रकाश सिंह का है। 2009 में मन्ना सिंह को दिनदहाड़े गोली मारकर मौत के घाट उतारा गया था। इस हत्याकांड में मुख्तार अंसारी का साजिशकर्ता के रूप में नाम सामने आया था। अभी मुख्तार की मौत की खबर आई तो मन्ना सिंह के बेटे ने अपने पिता की तस्वीर पर 14 साल में पहली बार फूल माला चढ़ाई और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्तार अंसारी की मौत की खबर आने इस परिवार में खुशी के आंसू छलक पड़े। मुख्तार अंसारी की मौत पर मन्ना सिंह की पत्नी मंजू सिंह कहती हैं- 'हमको अंदर से आज बहुत शांति और सुकून मिल रहा है। हम बहुत खुश हैं। उनकी खुशी के आंसू रुक नहीं रहे हैं।'

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मऊ के ठेकेदार मन्ना सिंह का परिवार (Image: Republic)

मुख्तार से भिड़ गए थे शैलेंद्र सिंह

पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद 1991 बैच के पीपीएस रहे शैलेंद्र सिंह के यहां भी हर्षोल्लास का माहौल है। शैलेंद्र सिस्टम के खिलाफ जाकर मुख्तार अंसारी से तब भिड़ गए थे, जब कोई ये हिम्मत भी नहीं कर पाता था। हालांकि कथित तौर पर राजनैतिक प्रताड़ना की वजह से उन्हें पीछे हटना पड़ा था। बात 2004 की थी, जब शैलेंद्र सिंह ने एक मामले में मुख्तार अंसारी के खिलाफ पोटा के तहत केस दर्ज करने की सिफारिश सरकार को भेज दी थी। आरोप लगे कि मुलायम सरकार की ओर से मुख्तार अंसारी से मुकदमा हटाने का दबाव बनाया गया था, लेकिन शैलेंद्र सिंह ने इससे इनकार कर दिया और इस्तीफा दे दिया था। मामला इतने पर भी नहीं खत्म हुआ, कथित तौर पर मुख्तार के दबाव में मुलायम सरकार ने शैलेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

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अभी मुख्तार अंसारी पर शैलेंद्र सिंह कहते हैं- 'मुझे जैसे मौत की जानकारी मिली मेरे दिमाग में एक बात ही आई- जैसी करनी वैसी भरनी।' पूर्व पीपीएस अधिकारी का कहना है- 'जिस भय को कायम करके साम्राज्य कायम किया था, वही भय आखिरी में उसके मन में आ गया।' शैलेंद्र सिंह आज भी दावा करते हैं कि मुलायम सिंह की सरकार का उसे (मुख्तार अंसारी) काफी सपोर्ट था। उस समय अकेले स्टैंड लेना भारी पड़ा। मुझे परिवार को सुरक्षित रखना पड़ा और जेल तक जाना पड़ा। वो समझते थे कि मैं रिजाइन करने के बाद डर जाउंगा।'

पूर्व डीसीपी शैलेंद्र सिंह (Image: ANI)

8 मामलों में मुख्तार को हुई थी सजा

मुख्तार अंसारी ने साल 1978 की शुरुआत में महज 15 साल की उम्र से जरायम की दुनिया में कदम रखा और अनेक बेगुनाहों की मौत का जिम्मेदार रहा। अंसारी के खिलाफ खिलाफ आपराधिक धमकी का पहला मामला दर्ज हुआ था। उसके बाद हत्या से लेकर जबरन वसूली तक के 65 मामलों में मुख्तार अंसारी का नाम था। 8 मामलों में मुख्तार को दोषी ठहराया जा चुका था, जिनमें से दो मामलों में आजीवन कारावास की सजा भी मिली थी। कुछ मामलों में 10 साल तो कुछ मामलों में 5 और 7 साल की सजा हुई थी।

पिछले 19 साल से मुख्तार अंसारी जेल में रह रहा था। कभी पंजाब तो कभी उत्तर प्रदेश की अलग-अलग जेलों में अंसारी पहुंचा था। पंजाब से लाने के बाद उसे बांदा की जेल में रखा गया था। पिछले कुछ दिनों से तबीयत ठीक नहीं थी। हाल ही में अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया था। वापस से गुरुवार देर शाम को अंसारी की तबीयत फिर बिगड़ चुकी थी। जब बांदा के मेडिकल कॉलेज में अंसारी को ले जाया गया तो वहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई।

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Published March 29th, 2024 at 16:32 IST

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