अपडेटेड 1 December 2025 at 23:35 IST

Road Safety: भारत में 2027 तक ट्रक, बसों और भारी वाहनों में अनिवार्य होगा ADAS, सड़क हादसों में आएगी कमी, जानें कैसे करेगा काम

भारत में बहुत जल्द ट्रक और बसों में ADAS अनिवार्य हो जाएगा, 2027 तक ड्राइवर मॉनिटरिंग सिस्टम लागू होने से देश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी। जानें ये कैसे काम करेगा।

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Road Safety
भारतीय ट्रक‑बसों में अब अनिवार्य होगा ADAS | Image: ANI

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने अधिसूचना में कहा है कि अगले दो‑तीन सालों में भारत के सभी M2, M3, N2 और N3 श्रेणी के भारी वाहनों में एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंट सिस्टम (ADAS) अनिवार्य होगा। यह नियम 1 जनवरी, 2027 से लागू जो जाएगा और 1 अक्टूबर 2027 तक पहले से निर्मित मॉडलों में भी शुरू कर दिया जाएगा। इनमें मिनी बसों से लेकर बड़े कोच और मध्यम से भारी मालवाहक वाहन भी शामिल होंगे।  

ADAS सेंसर में क्या क्या होगा ?

  • स्किड या पलटने के जोखिम कम होता है।
  • टक्कर का खतरा पहचान कर तुरंत ब्रेक लगाता है। (Advanced Emergency Braking System (AEBS))
  • लेन से अनजाने में हटने पर ध्वनि, दृश्य या वाइब्रेशन अलर्ट। (Lane Departure Warning System (LDWS))
  • चालक की थकान या ध्यान न देने पर भी मितली है चेतावनी। (Driver Drowsiness & Attention Warning System)
  • ब्लाइंड स्पॉट और वाहन को आगे पीछे की जानकारी देने के लिए अलर्ट। (Blind Spot Information System (BSIS) और Moving Off‑Information System (MOIS))

इन तकनीकों को 1 अक्टूबर 2027 (नए मॉडल) तक लागू करना अनिवार्य होगा। ADAS सेंसर, कैमरा और रडार की स्थापना को आसान बनाने के लिए मंत्रालय ने वाहन की चौड़ाई मापने के नियमों में संशोधन किया है। अब रियर व्यू मिरर, गार्ड रेल, इंडिकेटर, साइड स्टेप, सीमित रबर बीडिंग और ADAS सेंसर को वाहन की कुल चौड़ाई में नहीं गिना जाएगा। हालांकि इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम अपग्रेड के कारण वाहन कीमतों में हल्की बढ़ोतरी हो सकती है।

सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी

यह कदम भारत को यूरोपीय सुरक्षा मानकों के करीब ले जाएगा। भारी वाहनों में स्थिरता और ऑटो ब्रेकिंग पहले से ही यूरोप में आम है। भारत में इनका अनिवार्य होना दुर्घटनाओं को काफी हद तक कम करने में मदद करेगा। MoRTH की इस पहल से ट्रक और बसों के कारण होने वाली गंभीर दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है। ADAS तकनीक चालकों को सतर्क रखेगी और  वाहन के पलटने, टक्कर और ब्लाइंड‑स्पॉट जैसी स्थितियों से बचाएगी। इस बदलाव से भारतीय सड़कों पर सुरक्षा का स्तर बढ़ेगा।  

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 1 December 2025 at 23:35 IST