अपडेटेड 26 March 2025 at 14:31 IST
बलात्कार को लेकर विवादित आदेश देने वाले न्यायाधीश के खिलाफ कार्रवाई हो: भाजपा सांसद
भाजपा के सांसद मुकेश राजपूत ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के उस आदेश से जुड़ा विषय बुधवार को लोकसभा में उठाया और उसकी निंदा की जिसमें कहा गया था कि ‘‘लड़की के केवल निजी अंग को पकड़ना और पायजामे का नाड़ा तोड़ना बलात्कार का अपराध नहीं है।’’
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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद मुकेश राजपूत ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के उस आदेश से जुड़ा विषय बुधवार को लोकसभा में उठाया और उसकी निंदा की जिसमें कहा गया था कि ‘‘लड़की के केवल निजी अंग को पकड़ना और पायजामे का नाड़ा तोड़ना बलात्कार का अपराध नहीं है।’’
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद से लोकसभा सदस्य ने सदन में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया और सरकार से आग्रह किया कि इस तरह की टिप्पणियों के लिए इस तरह के लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की टिप्पणी से देश के 140 करोड़ लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं और महिलाएं असहज महसूस कर रही हैं। ऐसे लोगों को देश की महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए।’’
राजपूत ने सरकार से आग्रह किया, ‘‘ऐसे लोगों के खिलाफ संविधान के दायरे में कार्रवाई की जाए।’’
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उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पिछले दिनों यौन अपराध के एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि एक लड़की का निजी अंग पकड़ना और उसके पायजामे का नाड़ा तोड़ना, आईपीसी की धारा 376 (दुष्कर्म) का मामला नहीं है, बल्कि ऐसा अपराध धारा 354 (बी) (किसी महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला) के तहत अपराध की श्रेणी में आता है।
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Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 26 March 2025 at 14:31 IST