अपडेटेड 30 April 2025 at 14:22 IST
Delhi: फिर फंस गए मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन, 2000 करोड़ के क्लासरूम निर्माण घोटाले का हुआ पर्दाफाश, दर्ज हुई FIR
ACB ने AAP नेता मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ अत्यधिक लागत पर क्लासरूम निर्माण में भ्रष्टाचार के संबंध में FIR दर्ज किया है।
- भारत
- 3 min read

दिल्ली की सत्ता पर लंबे समय तक राज करने वाली आम आदमी पार्टी(AAP) के और बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। यह घोटाला स्कूलों के निर्माण के नाम पर किया गया है। भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) ने AAP नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया,दिल्ली के पूर्व PWD मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ दिल्ली के सरकारी स्कूलों के निर्माण में भ्रष्टाचार करने का मामला दर्ज किया। इन पर 2000 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप
दिल्ली की पूर्ववर्ती सरकार AAP के शिक्षा के नाम पर एक और घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। स्कूलों में बनाए गए 12,748 क्लासरूम्स के निर्माण में भारी भरकम घोटाले का मामला सामने आया है। एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) ने दिल्ली के मनीष सिसोदिया और पूर्व PWD मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है। IPC की धारा 409 और 120-B के तहत FIR दर्ज की गई है।
मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन पर FIR
भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने AAP नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, दिल्ली के पूर्व PWD मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ अत्यधिक लागत पर कक्षाओं के निर्माण में भ्रष्टाचार के संबंध में मामला दर्ज़ किया है। दिल्ली में AAP के शासनकाल के दौरान 12,748 कक्षाओं/भवनों के निर्माण में 2,000 करोड़ रुपये का भारी घोटाला सामने आया है। सक्षम प्राधिकारी से धारा 17-ए पीओसी अधिनियम के तहत अनुमति मिलने के बाद मामला दर्ज किया गया: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो
2,000 करोड़ के घोटाले का आरोप
जानकारी के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट में लगभग 2,892 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि सामान्य रूप से ऐसे क्लासरूम 5 लाख रुपये प्रति रूम में बनाए जा सकते थे। लेकिन यहां प्रति क्लासरूम लगभग 24.86 लाख रुपये खर्च किए गए। प्रोजेक्ट 2015-16 में मंजूर हुआ था और इसे जून 2016 तक पूरा किया जाना था। लेकिन न सिर्फ काम समय पर पूरा नहीं हुआ, बल्कि लागत में भी भारी इजाफा हुआ। ACB की जांच में सामने आया है कि बिना ठेके के कार्य किया गया और जिन आर्किटेक्ट्स और कंसल्टेंट्स को नियुक्त किया गया था वो भी सवालों के घेरे में है।
Advertisement
CVC की रिपोर्ट दबाई गई
सेंट्रल विजिलेंस कमिशन (CVC) की तकनीकी जांच रिपोर्ट फरवरी 2020 में आई थी, जिसमें प्रोजेक्ट में भारी अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की बात कही गई थी। लेकिन ये रिपोर्ट 3 साल तक दबाकर रखी गई। रिपोर्ट के मुताबिक, क्लासरूम की लागत पक्के निर्माण जितनी ही आ गई थी, जबकि बनाए गए क्लासरूम केवल 30 साल की उम्र वाले सेमी-पर्मानेंट स्ट्रक्चर थे।
मनमर्जी से लागत बढ़ाने का आरोप
जांच में पता चला है कि कई स्कूलों में 42.5 करोड़ रुपये का काम बिना किसी टेंडर के करवा दिया गया। वहीं, 860.63 करोड़ रुपये के टेंडर जारी किए गए थे, लेकिन लागत में 17% से 90% तक की बढ़ोतरी कर दी गई। इससे करीब 326.25 करोड़ रुपये की अतिरिक्त लागत आई, जिसमें से 205.45 करोड़ रुपये केवल 'रिच स्पेसिफिकेशन' के चलते बढ़े।
Advertisement
BJP नेताओं हरिश खुराना, कपिल मिश्रा और नीलकंठ बख्शी की शिकायत पर यह जांच शुरू हुई थी। BJP का आरोप है कि जिन 34 ठेकेदारों को यह काम सौंपा गया, उनमें से अधिकतर आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए हैं। अब इस मामले में धारा 13(1) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और IPC की धारा 409 और 120-B के तहत FIR दर्ज कर ली गई है।
Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 30 April 2025 at 14:22 IST