Published 17:47 IST, August 26th 2024
AAP पार्षदों के BJP में जाने पर बोले संजय सिंह, ‘चुनाव के बाद दरकिनार कर दिया जाएगा’
आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने सोमवार को कहा कि भाजपा एक ऐसी पार्टी है जो इस्तेमाल के बाद दरकिनार कर देने की नीति पर चलती है।
आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने सोमवार को कहा कि भाजपा एक ऐसी पार्टी है जो इस्तेमाल के बाद दरकिनार कर देने की नीति पर चलती है तथा इसमें शामिल हुए आप के पांच पार्षदों को एमसीडी स्थायी समिति के चुनाव के बाद दरकिनार कर दिया जाएगा।
राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘जो भी नेता आम आदमी पार्टी (आप) छोड़ता है वह राजनीतिक रूप से बर्बाद हो जाता है।’’ आप को रविवार को तब झटका लगा था जब उसके पांच पार्षद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए, जिससे भाजपा के दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की स्थायी समिति में बहुमत हासिल करने की संभावना बढ़ गई है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ये पार्षद "भ्रष्टाचार में लिप्त होने के दबाव" और आप नेताओं के लिए भीड़ जुटाने की व्यवस्था करने के कारण परेशान थे। सिंह ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आप का समीकरण कभी-कभी 'बिगड़ता' हुआ प्रतीत होता है, लेकिन अंततः सब कुछ योजना के अनुसार ही होता है और यह स्थायी समिति के चुनावों में स्पष्ट हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि भाजपा "इस्तेमाल के बाद दरकिनार कर देने वाली" वाली पार्टी है जो अपने संगठन में शामिल होने वाले नेताओं को इस्तेमाल करने के बाद उन्हें छोड़ देती है। उन्होंने कहा कि स्थायी समिति के चुनावों के बाद इन पांच पार्षदों को भी दरकिनार कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने बार-बार कहा है कि आप छोड़ने वाले लोग राजनीतिक रूप से बर्बाद हो जाएंगे। यह भगवान का आशीर्वाद है कि जो लोग पार्टी छोड़ते हैं, वे कभी सांसद, विधायक या पार्षद नहीं बनते।" पाला बदलने वाले आप के पार्षदों में रामचंद्र (वार्ड 28), पवन सहरावत (वार्ड 30), ममता पवन (वार्ड 177), सुगंधा बिधूड़ी (वार्ड 178) और मंजू निर्मल वार्ड 180 शामिल हैं।
इन पार्षदों के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को एमसीडी के निर्णय लेने वाले सर्वोच्च निकाय 18 सदस्यीय स्थायी समिति में बहुमत मिलने की उम्मीद है। वर्ष 2022 के चुनावों में आप ने एमसीडी के 250 वार्डों में से 134 पर जीत हासिल की थी। पांच पार्षदों के चले जाने के बाद इसके पार्षदों की संख्या घटकर 127 रह गई है जबकि भाजपा के पार्षदों की संख्या बढ़कर 112 हो गई है। दिल्ली नगर निगम अधिनियम के अनुसार, स्थायी समिति के 18 सदस्यों में से छह सदन से चुने जाते हैं, जबकि शेष 12 सदस्य नगर निगम के 12 क्षेत्रों में गठित वार्ड समितियों से चुने जाते हैं।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Updated 17:47 IST, August 26th 2024