अपडेटेड 10 August 2024 at 10:58 IST
मनीष सिसोदिया जेल से आए, पर दोबारा मंत्री बनने की राह आसान नहीं...यहां फंसा है सबसे बड़ा पेंच
अरविंद केजरीवाल के जेल जाने से दिल्ली में शासन-प्रशासन अस्थिर है। ऐसे में मनीष सिसोदिया से सरकार में शामिल होने की उम्मीद की जाएगी।
- भारत
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Manish Sisodia: गिरफ्तारी से पहले सिसोदिया आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार दोनों में अरविंद केजरीवाल के बाद दूसरे नंबर पर थे। पिछले साल 28 फरवरी को अपने इस्तीफे से पहले केजरीवाल के डिप्टी होने के अलावा उन्होंने शिक्षा, वित्त, योजना, स्वास्थ्य, पर्यटन समेत 18 विभागों को संभाला। उन्हें आम आदमी पार्टी सरकारी स्कूलों में शिक्षा प्रणाली में 'क्रांति' लाने वाला नेता बताती है। तो क्या अब मनीष सिसोदिया को दिल्ली सरकार में उनका हिस्सा फिर मिल जाएगा? क्या सिसोदिया एक बार फिर उपमुख्यमंत्री बनने के साथ आबकारी विभाग संभालेंगे? आम आदमी पार्टी के नेता के जेल से रिहा होने के बाद सवाल उठ रहे हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल जाने से राजधानी में शासन-प्रशासन अस्थिर है। ऐसे में सिसोदिया से सरकार में शामिल होने की उम्मीद की जाएगी। AAP भी जरूर चाहेगी कि सिसोदिया को उपमुख्यमंत्री के पद पर बहाल करने के साथ दिल्ली सरकार का कामकाज फिर से पटरी पर आ जाए। सिसोदिया अगर सरकार का हिस्सा बनते हैं तो हो सकता है कि सरकार चलाने और नीतिगत फैसले लेने के लिए उन्हें मुख्यमंत्री की शक्तियां भी सौंप दी जाएं। हालांकि ये बिल्कुल आसान नहीं है। क्योंकि इस प्रक्रिया में समय लग सकता है।
सिसोदिया के सरकार में लौटने पर फंसा है पेंच
पिछले साल दिल्ली कैबिनेट से पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के साथ सिसोदिया के इस्तीफे से दो मंत्रीपद खाली हुए थे। इनके बदले में अरविंद केजरीवाल ने आतिशी और सौरभ भारद्वाज को मंत्रिमंडल में शामिल किया था। अभी आतिशी 14 विभागों को संभाल रही हैं, जबकि भारद्वाज को कुछ महत्वपूर्ण विभाग सौंपे गए हैं। फिलहाल मनीष सिसोदिया का फिर से दिल्ली सरकार में शामिल होना आसान नहीं है। ऐसा नहीं है कि दिल्ली मंत्रिमंडल में पद खाली नहीं है। ये इसलिए कि सिसोदिया को फिर से कैबिनेट में शामिल करने के लिए केजरीवाल को उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजना होगा। इसलिए, सिसोदिया तभी दोबारा मंत्री बन सकते हैं, जब केजरीवाल जेल से हस्ताक्षर के साथ प्रस्ताव भेजें या खुद बाहर आ जाएं, जो फिलहाल मुश्किल लग रहा है।
किसी मंत्री को कैबिनेट में शामिल करना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है और वो जब चाहें अपने अधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं। केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया है, इसलिए उनके पास एलजी को सिफारिश भेजने के बाद किसी को भी अपने मंत्रिमंडल में मंत्री बनाने का अधिकार है। हालांकि यहां बड़ा पेंच हस्ताक्षर का है। जेल मैनुअल के मुताबिक कैदी किसी भी आधिकारिक फाइल को अंदर ले जाकर उस पर हस्ताक्षर नहीं कर सकता। यही वजह है कि सरकार जेल के अंदर से चलाने के बावजूद मुख्यमंत्री केजरीवाल एक भी फैसला नहीं ले पाए और कई अहम मुद्दे भी अभी लंबित हैं। इससे समझ लीजिए कि केजरीवाल मनीष सिसोदिया के नाम की फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर पाएंगे और यही प्रक्रिया एक बड़ी बाधा है।
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जेल से लौटने की पहली सुबह चाय की चुस्की
मनीष सिसोदिया ने 10 अगस्त को शनिवार की सुबह चाय के साथ इंडिया को गुड मॉर्निंग कहा। सिसोदिया ने शनिवार सुबह सोशल मीडिया पर अपनी पत्नी सीमा सिसोदिया के साथ 17 महीने बाद पहली सुबह की चाय पर एक तस्वीर साझा की। पोस्ट में लिखा था, ‘आजादी की पहली सुबह की चाय...17 महीने बाद! संविधान ने हम सभी भारतीयों को जीने के अधिकार की गारंटी के रूप में जो आजादी दी है। भगवान ने हमें सबके साथ खुली हवा में सांस लेने की जो आजादी दी है।’
जेल से लौटने पर सिसोदिया ने क्या कहा?
'अब सबको मनीष सिसोदिया का नमस्कार'... जेल से बाहर आने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता के ये पहले शब्द थे। सिसोदिया ने अपनी रिहाई का श्रेय बाबा साहब अंबेडकर के लिखे संविधान को दिया और विश्वास जताया कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी जल्द ही जेल से बाहर आएंगे। पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सिसोदिया ने कहा, ‘मैं आपके प्यार, भगवान के आशीर्वाद और सच्चाई की ताकत और सबसे बड़ी बात, बाबा साहब के सपने की वजह से जेल से बाहर आया हूं कि अगर कोई तानाशाही सरकार सत्ता में आती है और तानाशाही कानून बनाकर विपक्षी नेताओं को सलाखों के पीछे डालती है, तो इस देश का संविधान उनकी रक्षा करेगा। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि संविधान की इसी ताकत से अरविंद केजरीवाल जेल से भी बाहर आ जाएंगे।’
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Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 10 August 2024 at 10:58 IST