अपडेटेड 14 February 2023 at 08:15 IST

...वो लव स्टोरी, जिसने खोल दिया Pulwama में मसूद अजहर की साजिश का राज

Pulwama attack conspiracy: पुलवामा हमले की जांच कर रही NIA की टीम एक लव स्टोरी को क्रैक किया था। वो लव स्टोरी एक कश्मीरी लड़की और उमर फारूक की थी।

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PC: ANI/PTI | Image: self

Pulwama attack conspiracy: पुलवामा में CRPF के काफिले पर 14 फरवरी 2019 को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। हमले के तुरंत बाद सुरक्षाबलों के साथ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को काम पर लगाया गया। NIA के ऑपरेशन को घाटी में एजेंसी के प्रमुख राकेश बलवाल (Rakesh Balwal) हेड कर रहे थे। बलवाल ने महज कुछ दिनों के अंदर ही पुलवामा हमले की पूरी साजिश की परतें खोल कर रख दी। खुफिया एजेंसियां जब हमले के बारे में जांच कर रही थीं, तो उन्हें सबसे बड़ा टास्क था, मास्टरमाइंड मसूद अजहर (Masood Azhar) के भतीजे उमर फारूक का पता लगाना।

सुरक्षा एजेंसियों ने अपने सभी तंत्रों को एक्टिव किया, लेकिन उन्हें यह पता नहीं चल पा रहा था कि उमर फारूक कश्मीर में है या बाहर। हालांकि बहुत जल्द सुरक्षा एजेंसियों ने इस गुत्थी को सुलझाया। सुरक्षाबलों ने उमर फारूक को पुलवामा हमले के 1 महीने के बाद ही एनकाउंटर में ढेर कर दिया था।

...वो लव स्टोरी और खुल गया पुलवामा हमले का राज

राकेश बलवाल के नेतृत्व में पुलवामा हमले की जांच कर रही NIA की टीम एक लव स्टोरी को क्रैक किया था। वो लव स्टोरी एक कश्मीरी लड़की और उमर फारूक की थी। कश्मीरी लेखक और पत्रकार रहे राहुल पंडिता ने पुलवामा अटैक पर एक किताब लिखी है- जिसका नाम है The Lover Boy of Bahawalpur : How the Pulwama Case was Cracked. इस किताब में उन्होंने बताया है कि उन्होंने NIA अफसर बलवाल का इंटरव्यू किया था। बलवाल ने उन्हें बताया कि उन्होंने मार्च में दो आतंकियों को ढेर कर दिया था, जब उन्होंने उनकी तस्वीर देखी तो उन्हें कुछ अलग सा महसूस हुआ।

आतंकी ने पहनी थी एडिडास की जैकेट

राकेश बलवाल वालों ने बताया कि दो आतंकियों में से एक ने एडिडास कपड़े पहन रखे थे। तब उन्हें शक हुआ कि एक आम आतंकी एडिडास के कपड़े नहीं पहनता। इसके बाद उन्होंने पुलिस से इस बारे में जानकारी ली, तो पुलिस ने उन्हें बताया कि दूसरे युवक का नाम इदरीश भाई है। इस दौरान उन्होंने आईफोन और सैमसंग के दो मोबाइल जब्त किए थे, लेकिन दोनों टूट चुके थे। बलवान ने इन दोनों फोन को इंडियन कंप्यूटर एमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) को भेज दिया। एक हफ्ते बाद CERT-In के एक एक्सपोर्ट ने उनको फोन किया और कहा कि सर एक जैकपॉट मिला है।

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इस पर जांच हुई तो एक फोन जिसे उमर फारूक ने नष्ट नहीं किया था, उसने पूरी पोल खोल दी। दरअसल हमले के बाद मास्टरमाइंड और जैश के ऑपरेशनल हेड रऊफ असगर ने सभी को अपना फोन नष्ट करने के लिए कहा था। लेकिन उमर में ऐसा ना करते हुए दूसरे टूटे हुए फोन की तस्वीर भेज दी। अगर उमर ने अपना फोन नष्ट कर दिया होता, तो शायद मसूद अजहर और उसके भाइयों की पुलवामा हमले में भूमिका इतनी आसानी से सिद्ध नहीं हो पाती।

प्रेमिका के कारण नहीं नष्ट किया फोन

वैसे तो आतंकी अपने बॉस की कही हर बात मान लेते हैं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया? इसके पीछे क्या कारण था? जब NIA के अधिकारियों ने इस गुत्थी को सुलझाना शुरू किया, तो उन्हें पता चला कि इसके पीछे कारण थी- कश्मीर की 22 साल की इंशा जान। इंशा का पिता जैश समर्थक था और वह उमर की प्रेमिका थी। उसी से बात करने के कारण उमर में अपना फोन नष्ट नहीं किया। हालांकि आगे पता चला कि उमर के कई अन्य कश्मीरी लड़कियों से भी संबंध थे। इसीलिए राहुल पंडिता ने उम्र को अपनी किताब में लवरब्वॉय कहा।

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साल 2020 फरवरी में NIA ने शाकिर बशीर नाम के एक आतंकी को पकड़ा। इससे पहले एजेंसियां इदरीश भाई और उमर के बीच का कनेक्शन नहीं खोज पा रही थीं, लेकिन शाकिर ने पूरी गुत्थी को सुलझा दिया।

दरअसल NIA के अधिकारियों ने जब उससे उमर और इदरीश के बारे में पूछा, तो उसने कुछ बताया नहीं। लेकिन जैसे ही उसे उसकी फोटो दिखाई गई और उसके अन्य महिलाओं के साथ रिश्ते के बारे में बताया गया तो बशीर ने सब कुछ बोल दिया। उसने बताया कि इदरीश ही उमर फारूक है और वह मसूद अजहर का भतीजा है। उसी ने पुलवामा हमले का पूरा प्लान बनाया था। इसके बाद NIA ने पूरे पत्ते खोल कर रख दिए और यह साफ हो गया कि इस हमले में मसूद अजहर और उसके भाइयों का सीधा हाथ था।

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Published By : Nripendra Singh

पब्लिश्ड 14 February 2023 at 08:15 IST