sb.scorecardresearch
Advertisement

अपडेटेड September 28th 2024, 23:40 IST

कांग्रेस का समर्पित सिपाही, पार्टी लाइन के खिलाफ नहीं जाऊंगा: विक्रमादित्य सिंह

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि उन्होंने विचारधारा से संबंधित कांग्रेस नेतृत्व की चिंताओं को स्वीकारा है और यह विश्वास दिलायाकि वह पार्टी के समर्पित सिपाही हैं।

Follow: Google News Icon
Vikramaditya Singh
विक्रमादित्य सिंह | Image: Facebook

हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शनिवार को कहा कि उन्होंने विचारधारा से संबंधित कांग्रेस नेतृत्व की चिंताओं को स्वीकारा है और यह विश्वास दिलाया है कि वह पार्टी के समर्पित सिपाही हैं तथा कभी भी पार्टी लाइन से अलग बात नहीं करेंगे।

सिंह की रेहड़ी-पटरी वालों के मुद्दे पर हालिया टिप्पणी से विवाद खड़ा हो गया था। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने शुक्रवार को सिंह के साथ मुलाकात में हिदायत दी थी कि वह पार्टी की नीतियों और विचारधारा के खिलाफ नहीं जा सकते।

सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा गठित बहुदलीय समिति तीन अक्टूबर को रेहड़ी-पटरी से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा करेगी।

उन्होंने ‘पीटीआई वीडियो’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि जमीन पर कोई विवाद नहीं था और यह सब मीडिया द्वारा पैदा किया गया मुद्दा है और इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया था।

सिंह ने कहा, ‘‘मैंने वेणुगोपाल जी को वास्तविक स्थिति से अवगत कराया और विचारधारा के बारे में उनकी चिंताओं को स्वीकारा और उन्हें विश्वास दिलाया कि हम पार्टी के समर्पित और वफादार सैनिक हैं और ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे जो पार्टी लाइन के खिलाफ हो।’’

सिंह ने कहा, ‘‘ साथ ही, मैंने उन्हें यह भी बताया कि पिछले डेढ़ महीने से हिमाचल में मस्जिद मुद्दा और अन्य विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं... साथ ही उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के आलोक में भी शहरी आजीविका पर 2016 का कानून बना हुआ है, उसके क्रियान्वय की बात है। इसका क्रियान्वयन चरणबद्ध तरीके से किया जाना है।’’

मंत्री ने बताया कि उन्होंने वेणुगोपाल से कहा कि राज्य सरकार को आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ अच्छा वातावरण भी बनाए रखना होगा।

उनका कहना था, ‘‘कोई भी व्यक्ति कहीं से भी राज्य में आ सकता है। हिमाचल भारत का एक अद्भुत हिस्सा है, कोई भी हिमाचली किसी भी अन्य राज्य में जा सकता है और इसी तरह कोई भी वहां आ सकता है। लेकिन रेहड़ी-पटरी पर जो कारोबार हो रहा है, उसे लेकर नियमों के अनुसार पहचान और सत्यापन किया जाना है। इसके लिए उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के निर्देश हैं।’’

उनके मुताबिक, विक्रेताओं का पंजीकरण इस प्रकार किया जाना है ताकि यदि कोई अप्रिय गतिविधि हो जाए, कोई कानून और व्यवस्था की स्थिति है या स्थानीय चिंताएं पैदा हों, तो अधिकारियों के पास रिकॉर्ड होना चाहिए।’’

सिंह ने कहा, ‘‘मैंने उन्हें (वेणुगोपाल को) पूरा आश्वासन दिया है कि हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार अच्छा काम कर रही है। मैंने इस मामले को विधानसभा में भी रखा था। विधानसभा अध्यक्ष ने एक सर्वदलीय समिति बनाई है और आगे इस पर चर्चा की जाएगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सिर्फ यह कह रहे हैं कि वेंडिंग जोन का सीमांकन किया जाए और सत्यापन किया जाए।’’

सिंह ने कहा कि उनके कथन को गलत दृष्टिकोण से पेश किया किया गया और गलत तरीके से उत्तर प्रदेश से जोड़ा गया।

उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश का नजरिया अलग है, यह उनका अपना कानून था जिसे उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया था। हिमाचल प्रदेश का नजरिया अलग है और वहां पहले से ही उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के निर्देश हैं और कानून वहां है, इसलिए हमें इसे निर्धारित समय सीमा में लागू करना होगा सभी के विचारों को ध्यान में रखा जाएगा।’’

रेहड़ी-पटरी वाले दुकानदारों के लिए नाम प्रदर्शित करने को अनिवार्य बनाने के मंत्री विक्रमादित्य सिंह के ऐलान को लेकर आलोचना का सामना करने के बाद हिमाचल प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा था कि ऐसा कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है।

सिंह ने बुधवार को मीडिया से कहा था कि रेहड़ी-पटरी पर दुकान लगाने वाले लोगों के लिए, खासकर खाद्य पदार्थ बेचने वालों के लिए, दुकान पर पहचानपत्र प्रदर्शित करने को अनिवार्य किया जाएगा।

पब्लिश्ड September 28th 2024, 23:40 IST