अपडेटेड 27 August 2025 at 17:54 IST
10वें से चौथे पायदान पर भारत की इकॉनोमी ने लगाई छलांग... तो डोनाल्ड ट्रंप को नहीं भा रहा ग्रोइंग इंडिया? 50% टैरिफ लगाने के 5 बड़े कारण
Tariff on India: अमेरिका और प्रेसिडेंट ट्रंप चाहते हैं कि भारतीय बाजार कृषि, डेरी और मत्स्य क्षेत्र को पूरी तरह से शुल्क मुक्त करे। अमेरिका की इस चाह को भारत ने मना करते हुए पूरा नहीं किया है। प्रधानमंत्री मोदी कई बार अपनी जनसभा में भी कह चुके हैं कि हमारे लिए अपने किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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Tariff on India: भारत पर अमेरिका ने 50 फीसदी का टैरिफ लागू कर दिया है। यह टैरिफ आज सुबह से भारत पर लागू हो गया है, जिसमें 1 अगस्त 2025 से 25 फीसदी टैरिफ और अब 27 अगस्त से अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ शामिल है। इस टैरिफ का प्रभाव भारत के उन सामानों पर पड़ने लगा है, जिसका निर्यात अमेरिका में होता है। इनमें सबसे अधिक प्रभावित सेक्टरों और सामानों में झींगा, टेक्सटाइल क्षेत्र, ज्वैलरी, कारपेट, ऑटो पार्ट्स आदि क्षेत्र शामिल हैं। इनपर टैरिफ लगाने के बाद निर्यात शुल्क 50 फीसदी से भी अधिक हो गए हैं। आखिर ट्रंप, भारत और मोदी सरकार से इतना खफा क्यों हैं?
यहां बता दें कि साल 2014 में भारत (मनमोहन सरकार में) की अर्थव्यवस्था दुनिया में 10वें स्थान पर थी और अब 2025 में भारत (मोदी सरकार) की अर्थव्यवस्था दुनिया में चौथे स्थान पर हो गई है। केंद्र की मोदी सरकार भारत की अर्थव्यवस्था को जल्द ही तीसरे स्थान पर लाने की कोशिश में है। इतना ही नहीं, सरकार ने 2047 तक भारत को विकासशील देश से विकसित देश बनाने का लक्ष्य रखा है। अब सवाल यह है कि क्या अमेरिका और प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप, भारत को ग्रो होते हुए नहीं देखना चाहते हैं, क्या यह भी एक कारण है जिसकी वजह से उन्होंने भारत पर 50 फीसदी का टैरिफ लगाने का फैसला किया है? आइए जानते हैं वो 5 बड़े कारण, जिसकी वजह से ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी का भारी टैरिफ लगाया है…
1. रूस से भारत द्वारा तेल की खरीदारी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यह मानते हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में भारत की भी भूमिका है। उनका मानना है कि भारत, रूस से तेल की खरीदारी करता है, जिसकी वजह से रूस को यूक्रेन के साथ युद्ध करने में मदद मिलती है। हालांकि, बीते दिनों रूस में खुद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका के साथ-साथ पूरी दुनिया को यह बताया था कि भारत से अधिक तेल चीन, रूस से खरीदता है। लेकिन चीन पर ट्रंप कोई पाबंदी नहीं लगा रहे हैं जबकि वे चीन के साथ काफी नरमी से पेश आ रहे हैं।
वैसे तो ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ 1 अगस्त से ही लगा दिया था, लेकिन बीते दिनों उन्होंने भारत पर अतिरिक्त 25 फीसदी का टैरिफ यह आरोप लगाते हुए लागू करने की बात कही थी कि भारत रूस से तेल की खरीदारी करता है, जिससे रूस को यूक्रेन के साथ युद्ध में मदद मिलती है, इसलिए वे भारत पर अतिरिक्त 25 फीसदी का टैरिफ लगा रहे हैं।
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2. भारत ने ट्रंप की मनमानी वाले समझौते पर हस्ताक्षर करने के किया इनकार
इस साल की शुरुआत में दूसरी बार अमेरिका का प्रेसिडेंट बनते ही ट्रंप ने टैरिफ का राग अलापना शुरू कर दिया था। उन्होंने दुनिया के कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। इस बीच भारत और अमेरिका की द्विपक्षीय व्यापार समझौता (BTA) को लेकर अप्रैल में वार्ता शुरू हुई। इस समझौते को लेकर कई राउंड की बातचीत हुई थी। वहीं, अक्टूबर में इस वार्ता का एक फेज पूरा होने वाला था, जिसमें अगस्त में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल को भारत आना था। लेकिन 25 अगस्त को वो प्रतिनिधिमंडल भारत नहीं आया। इससे इस BTA पर विराम लग गया।
इसको लेकर विभिन्न मीडिया रिपोर्टों में यह बात सामने आई कि भारत ने ट्रंप की मनमानी वाले समझौते पर हस्ताक्षर करने के मना कर दिया था। इसलिए सबसे पहले ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी का टैरिफ लागू कर दिया था। एक वाक्य में इस बात को कहें तो ट्रंप ने भारत पर पहले 25 फीसदी का टैरिफ इसलिए लगाया क्योंकि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौता तय समयसीमा में पूरा नहीं हो पाया। इसका कारण भारत की मोदी सरकार के द्वारा ट्रंप की मनमानी वाले समझौते पर साइन नहीं करना था।
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3. कृषि, डेरी और मत्स्य क्षेत्र भारत पूरी तरह से शुल्क मुक्त करे - अमेरिका
अमेरिका और प्रेसिडेंट ट्रंप चाहते हैं कि भारतीय बाजार कृषि, डेरी और मत्स्य क्षेत्र को पूरी तरह से शुल्क मुक्त करे। अमेरिका की इस चाह को भारत ने मना करते हुए पूरा नहीं किया है। प्रधानमंत्री मोदी कई बार अपनी जनसभा में भी कह चुके हैं कि हमारे लिए अपने किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरे भाइयों-बहनों के हितों के साथ कभी समझौता नहीं करेगा।
उन्होंने यह भी कहा है कि वे जानते हैं कि व्यक्तिगत रूप से उन्हें बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन वे (पीएम मोदी) इसके लिए तैयार हैं। पीएम ने कहा - मेरे देश के किसानों के लिए, मेरे देश के मछुआरों के लिए, मेरे देश के पशुपालकों के लिए भारत तैयार है।
4. भारत और पाक के बीच युद्ध को रुकवाया - ट्रंप
बीते दिनों वाशिंटन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से कहा, "... मैंने ये सारे युद्ध रोक दिए हैं। इनमें से एक बड़ा युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच होता।", अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कहते हैं, "भारत और पाकिस्तान के साथ युद्ध अगले स्तर का परमाणु युद्ध था... उन्होंने पहले ही 7 जेट मार गिराए थे - यह भीषण था। मैंने कहा, "क्या आप व्यापार करना चाहते हैं? अगर आप लड़ते रहे, तो हम आपके साथ कोई व्यापार या कुछ भी नहीं करेंगे, आपके पास इसे निपटाने के लिए 24 घंटे हैं।"
उन्होंने कहा, "ठीक है, अब कोई युद्ध नहीं चल रहा है। मैंने कई मौकों पर इसका इस्तेमाल किया। मैंने व्यापार का इस्तेमाल किया और जो भी मुझे करना था, किया..." ट्रंप के द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के इस दावे को भारत ने हर बार नकारा है। यह एक कारण भी माना जा रहा है, जिसको लेकर ट्रंप भारत से नाखुश हैं।
5. भारत की सफलता से अमेरिका को हो रही है जलन?
विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भारत की सफलता से अमेरिका और ट्रंप को जलन हो रही है। वहीं, एक अमेरिकी अर्थशास्त्री (जैफरी सैक्स) का कहना है कि भारत को सफल होता देख अमेरिका उसका विरोध करेगा। यहां बता दें कि जिस दिन भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगने में कुछ ही घंटे बाकी थे, उसी दिन भारत ने अपने समुद्री सैन्य शक्ति को स्वदेशी युद्धपोतों से और मजबूत किया। भारत ने नौसेना में स्वदेशी युद्धपोत INS उदयगिरी और INS हिमगिरी को शामिल किया। भारत चाहें आर्थिक स्थिति हो या फिर सैन्य स्थिति, हर मोर्चे पर देश को आत्मनिर्भर करने में लगा हुआ है। इससे यह फायदा होगा कि भारत को किसी चीज के लिए किसी दूसरे देश पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा।
इतना ही नहीं, कई वैश्विक रिपोर्ट भी यह बता चुकी हैं कि दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था वाले देशों में एक नाम भारत का भी है। भारत अपने घरेलू बाजार और 'मेक इन इंडिया' को काफी मजबूत कर रहा है। जानकार मानते हैं कि यह भी एक कारण है, जिसकी वजह से अमेरिका, भारत से जल रहा है और टैरिफ बढ़ाकर लगा रहा है। अमेरिका नहीं चाहता है कि भारत दुनिया में महाशक्ति बनने की ओर बढ़े।
Published By : Amit Dubey
पब्लिश्ड 27 August 2025 at 17:53 IST