अपडेटेड 26 November 2022 at 16:06 IST
26/11 Mumbai Terror Attack: जानिए मुंबई हमलों के शहीदों की शौर्यगाथा, जिन्होंने आतंकियों से लोहा लेते हुए गंवाई अपनी जान
26 नवंबर, 2008 को मुंबई को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के 10 आतंकियों ने दहला दिया था। आइए जानते हैं उन शहीदों के बारे में जिनके शौर्य से 9 खतरनाक आतंकियों को ढेर किया गया।
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आज से 14 साल पहले 26 नवंबर 2008 का दिन भारतीय इतिहास के काले पन्नों में दर्ज गया। जब देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai Terror Attack) को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के 10 आतंकियों ने खून से रंग दिया। इस दौरान मुंबई पुलिस और सेना के कमांडोज ने स्पेशल ऑपरेशन ब्लैक टॉरनेडो के तहत 9 आतंकियों को ढेर कर दिया था, जबकि 1 आतंकी को जिंदा पकड़ लिया था।
मुंबई में हुआ ये आतंकी हमला देश में अब तक का सबसे क्रूर हमला था। इस हमले की यादें आज भी लोगों के जेहन में ताजा हैं। इस हमले को रोकने के लिए चलाए गए स्पेशल ऑपरेशन में पुलिस और सेना के करीब 17 लोग मारे गए। जिसमें 6 को अशोक चक्र और 5 को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। आइए जानते हैं उन शहीदों के बारे में जिनके शौर्य के बदौलत लगभग 600 से ज्यादा मासूमों को रेस्क्यू किया गया और खतरनाक आतंकियों को ढेर कर दिया गया।
मुंबई हमले के शहीद वीर
मेजर संदीप उन्नीकृष्णन (अशोक चक्र)
NSG कमांडो मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, ताज होटल में आतंकियों से लोहा लिया था। अकेले मेजर संदीप ने 14 बंधकों को छुड़ाया था। इस दौरान उन्होंने कई आतंकियों को भी ढेर किया। मेजर उन्नीकृष्णन ने ताज के वासाबी रेस्टोरेंट में क्लोज कॉम्बैट के दौरान एक आतंकी को ढेर कर दिया था। गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद मेजर संदीप अकेले आतंकियों से लोह लेते रहे। इस दौरान उनका अपनी टीम को दिया मैसेज- 'Don't Come Up, I'll handle them' आज भी लोगों में जोश का संचार कर देता है। मरणोपरांत मेजर संदीप उन्नीकृष्णन को अशोक चक्र से सम्मानित किया गया।
हवलदार गजेंद्र सिंह बिष्ट (अशोक चक्र)
NSG कमांडो हवलदार गजेंद्र सिंह बिष्ट ने नरीमन हाउस पर आतंकियों से लोहा लिया था। इस दौरान उन्होंने आतंकियों पर जोरदार हमला किया और कई बंधकों को छुड़ाया। आतंकियों की गोलीबारी में हवलदार गजेंद्र सिंह शहीद हो गए। मरणोपरांत उन्हें अशोक चक्र से सम्मानित किया गया।
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ATS प्रमुख हेमंत करकरे (अशोक चक्र)
मुंबई एंटी टेरर स्क्वाड के (ATS) के चीफ हेमंत करकरे ने अपनी टीम के साथ कामा हॉस्पिटल के बाहर मोर्चा संभाला था। इस हमले में उन्होंने अजमल कसाब और इस्माइल खान से मोर्चा लिया। अंधाधुंध हुई गोलीबारी में ATS प्रमुख करकरे शहीद हो गए। इस दौरान उन्होंने आतंकियों के भारी नुकसान पहुंचाया था। उनके शौर्य के लिए सरकार ने मरणोरपरांत उन्हें अशोक चक्र से सम्मानित किया।
ACP अशोक कामटे (अशोक चक्र)
अशोक कामटे मुंबई पुलिस में बतौर ACP तैनात थे। इस हमले के दौरान वह ATS प्रमुख हेमंत करकरे के साथ कामा हॉस्पिटल के बाहर मौजूद थे। गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद वह आतंकियों से लोहा ले रहे थे। तभी एक आतंकी की गोली उनके सिर में लगी, जिससे वह शहीद हो गए। हालांकि इस दौरान उन्होंने उस आतंकी को ढेर कर दिया था। ACP अशोक कामटे को सरकार ने मरणोरपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया।
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SI विजय सालस्कर (अशोक चक्र)
मुंबई पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट SI विजय सालस्कर भी हेमंत करकरे और अशोक कामटे के साथ कामा हॉस्पिटल के बाहर आतंकियों से लोहा ले रहे थे। कहा जाता है कि उस दौरान विजय सालस्कर से मुंबई का अंडरवर्ल्ड थर्राता था। सालस्कर आतंकियों की गोली लगने से शहीद हो गए थे। SI विजय सालस्कर को सरकार ने मरणोरपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया।
ASI तुकाराम ओंबले (अशोक चक्र)
मुंबई हमले में शहीद हुए मुंबई पुलिस के उप-निरीक्षक तुकाराम ओंबले, जिनके शौर्य के बदौलत हमले के लिए आए 10 आतंकवादियों में से एकमात्र अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था। तुकाराम ओंबले कसाब से अकेले भिड़ गए थे, जबकि उसके हाथ में Ak-47 थी। कसाब से हुई हाथापाई में तुकारकाम ओंबले को कई गोलियां लगी, जिससे वह शहीद हो गए। सरकार ने उन्हें मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया।
SI शशांक शिंदे (कीर्ति चक्र)
मुंबई पुलिस के SI शशांक शिंदे को मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनल स्टेशन के प्रभारी थे। आतंकी हमले के दौरान उन्होंने कई घंटे तक आतंकियों को उलझाए रखा। तभी पीछे से एक आतंकी ने उन्हें गोली मार दी, जिससे वह शहीद हो गए। मरणोपरांत उन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया।
अन्य शहीद
अंबाराम पवार
प्रकाश पी मोर
बापू साहेब
बालासाहेब भोसले
एम सी चौधरी
जयवंत पाटिल
विजय खाण्डेकर
अरुण चिट्टे
योगेश पाटिल
राहुल एस शिंदे
मुकेश बी जाधव
तीन अन्य रेलवे के अधिकारी जो छत्रपति शिवाजी टर्मिनल स्टेशन पर शहीद हो गए।
Published By : Nripendra Singh
पब्लिश्ड 26 November 2022 at 16:03 IST