अपडेटेड 10 December 2021 at 23:21 IST

CDS रावत को दी गई 17 तोपों की सलामी, जानिए 21 की जगह सत्रह की ही क्यों दी गई सलामी

तमिलनाडु के कन्नूर में हेलिकॉप्टर हादसे में जान गवांने वाले भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य लोग पंचतत्व में विलीन हो गए हैं।

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pc : republic/pti | Image: self

तमिलनाडु के कन्नूर में हेलिकॉप्टर (Helicopter Crash) हादसे में जान गवांने वाले भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat),  उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य लोग पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। वहीं आर्मी प्रोटोकॉल के मुताबिक सीडीएस बिपिन रावत को 17 तोपों की सलामी दी गई, लेकिन आमतौर पर भारत में 21 और 17 तोपों की सलामी दी जाती है। अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगी कि आखिर बिपिन रावत को 17 तोपों की सलामी ही क्यों दी गई। चलिए जानते हैं क्यों दी गई CDS रावत को 17 तोपों कि सलामी...

21 तोपों की सलामी किसे दी जाती है?

भारत के राष्ट्रपति और वरिष्ठ नेताओं को उनके अंतिम संस्कार के दौरान 21 तोपों की सलामी दी जाती है। इसके अलावा नौसेना प्रमुख, थल सेना और वायु सेना के अधिकारियों को भी 17 तोपों की सलामी दी जाती है। दिलचस्प बात ये है कि  भारत में 19 तोपों की भी सलामी दी जाती है, हालांकि ये सलामी तब दी जाती है जब किसी अन्य देश बड़ा व्यक्ति भारत दौरे पर आते हैं। इसके अलावा 19 तोपों की सलामी तब भी दी जाती है जब भारत के वरिष्ठ नेता 'गार्ड ऑफ ऑनर' के रूप में किसी दूसरे देश का दौरा करते हैं। ठीक उसी तरह जैसे मार्च में पीएम मोदी को बांग्लादेश दौरे के दौरान दी गई थी। 

क्यों दी जाती है तोपों की सलामी?

ये एक राजकीय सम्मान देने की प्रक्रिया है। राजनीति, कानून, विज्ञान और कला के क्षेत्र में योगदान देने वाले व्यक्ति को यह सम्मान दिया जाता है। जानकारी के अनुसार राजकीय अंतिम संस्कार में बंदूक की सलामी, आधा झुका हुआ झंडा, राष्ट्रीय शोक दिवस और एक सार्वजनिक अवकाश शामिल होता है। इतना ही नहीं गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस जैसे कई अन्य अवसरों पर भी तोपों की सलामी दी जाती है। इस बीच, सशस्त्र बलों के कर्मियों को बंदूक की सलामी दी जाती है जिन्होंने शांति या युद्ध के समय में योगदान दिया है।

 किसे मिलता है राजकीय अंतिम संस्कार?

आमतौर पर पूर्व प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्रियों को राजकीय अंतिम संस्कार दिया जाता है। लेकिन हाल के दिनों में, नियमों में बदलाव किया गया है।  अब राज्य सरकारें तय करती हैं कि किसे राजकीय अंतिम संस्कार दिया जा सकता है। बता दें कि महात्मा गांधी भारत में राजकीय अंतिम संस्कार पाने वाले पहले व्यक्ति थे।

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राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल कुछ अन्य लोगों में मदर टेरेसा, शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे, सरबजीत सिंह, हिंदुस्तानी संगीत गायिका गंगूबाई हंगल, प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित भीमसेन जोशी, सबसे पुराने सैन्य अधिकारी अर्जन सिंह (जिन्होंने 17 तोपों की सलामी ली), पद्मश्री पुरस्कार विजेता शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बॉलीवुड एक्टर दिलीप कुमार और श्रीदेवी का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया था। 

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Published By : Priya Gandhi

पब्लिश्ड 10 December 2021 at 23:20 IST