अपडेटेड 15 September 2025 at 17:32 IST
15 भारतीय युवकों का दल रूस में फंसा, महिला एजेंट ने रोजगार के नाम पर किया धोखा; अब यूक्रेन युद्ध में धकेला; युवक ने लगाई गुहार, VIDEO
भारतीयों को नौकरी के नाम पर धोखा देकर रूसी सेना में किया शामिल और यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में भेजा। भारतीय युवकों ने वीडियो जारी कर मदद की गुहार लगाई।
- भारत
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रूसी सेना में जबरन भारतीय लोगों को शामिल करने की खबरे सामने आ रही है। हाल ही में रूस से कुछ भारतीय युवाओं ने वीडियो जारी कर खुलासा किया है कि काम के नाम पर उनलोगों को रूस की सेना में शामिल कर लिया गया। जम्मू के विभिन्न इलाकों के तीन युवक उन 15 लोगों में शामिल हैं जिन्हें रूसी सेना की ओर से यूक्रेनी सेना के खिलाफ लड़ने के लिए मजबूर किया गया है।
युवकों ने दावा किया है कि उन्हें रूसी सेना के लिए काम करने वाली एक महिला रूसी एजेंट ने नौकरी के बदले गुमराह किया। जम्मू के अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास खौर इलाके के पहाड़ीवाला गांव के सचिन खजूरिया यूक्रेन के खिलाफ युद्ध क्षेत्र में जाने को मजबूर लोगों में से एक हैं।
स्टडी वीजा पर पहुंचे थे रूस
सचिन अगस्त 2025 में स्टडी वीजा पर रूस गए थे और पहुंचने पर, 14 अगस्त को उनसे रूसी भाषा में एक फॉर्म पर हस्ताक्षर करने को कहा गया, पोर्टर की नौकरी का वादा किया गया, लेकिन उन्हें हथियार प्रशिक्षण शिविरों और फिर युद्ध क्षेत्र में भेज दिया गया। वहीं सचिन के पिता ने कहा कि पिछले दो दिनों से अपने बेटे से बात नहीं कर पा रहा हूं।
पोर्टर की नौकरी का किया था वादा: सचिन के पिता
सचिन खजूरिया के पिता बनारसी लाल ने कहा कि उनका बेटा वहां फंसा हुआ है क्योंकि उसे पोर्टर की नौकरी का वादा किया गया था। उन्होंने सरकार से युद्ध क्षेत्र से उसकी वापसी सुनिश्चित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि परसों ही उनसे बात हुई थी और तब से वे उससे संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। सचिन ने उनसे कहा है कि यूक्रेनी क्षेत्र में आगे बढ़ने के बाद उनसे संपर्क नहीं हो पाएगा।
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मां ने केंद्र सरकार से लगाई मदद की गुहार
सचिन खजूरिया की मां स्वर्णो देवी ने केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि सचिन खजूरिया की मां ने उनसे लगभग आठ दिन पहले बात की थी, लेकिन उन्हें यह नहीं बताया कि उनके साथ क्या हुआ है क्योंकि वह BP की मरीज हैं। उनकी मां ने नम आंखों से भारत सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने और सचिन की युद्ध क्षेत्र से जल्द से जल्द वापसी सुनिश्चित करने की अपील की।
रूसी सेना ने छीना पासपोर्ट
सचिन खजूरिया के भाई विकास खजूरिया ने कहा कि उनके भाई को युद्ध क्षेत्र में जालसाजी करके लाया गया है; और रूसी सेना ने उनका पासपोर्ट भी छीन लिया है ताकि वे युद्ध क्षेत्र से भाग न सकें। उन्होंने आगे कहा कि युद्ध क्षेत्र में फंसे राजस्थान के अंकित नामक युवक ने युद्ध क्षेत्र में जाने का विरोध किया, तो तैनात सैनिकों ने उस पर बंदूकें तान दीं।
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नेशनल कॉन्फ्रेंस के मंत्री ने विदेश मंत्री को लिखा पत्र
इस मामले को संज्ञान में लेते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के मंत्री सतीश शर्मा, भाजपा विधायक शाम लाल शर्मा और भाजपा सांसद जुगल किशोर शर्मा ने विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर को पत्र लिखकर सचिन खजूरिया की सुरक्षित वापसी के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है। चिट्ठी में दावा किया गया है कि उन्हें शिक्षा और गैर-युद्धक कार्यों का झूठा आश्वासन देकर रूस ले जाया गया था और कथित तौर पर यूक्रेन के पास खतरनाक युद्ध क्षेत्रों में तैनात किया गया था।
MEA का बयान आया सामने
इस मामले में MEA के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भारतीय नागरिकों को आगाह किया कि वे रूसी सेना में शामिल होने के प्रस्तावों को स्वीकार न करें, क्योंकि इसमें जोखिम और खतरे निहित हैं। उन्होंने कहा, "हमने हाल में रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती की खबरें देखी हैं। सरकार ने पिछले एक साल में कई मौकों पर इस तरह की कार्रवाई में निहित जोखिमों और खतरों को रेखांकित किया है और भारतीय नागरिकों को तदनुसार आगाह किया है।"
MEA ने दिल्ली और मॉस्कों में उठाया मुद्दा
MEA प्रवक्ता ने बताया कि हमने दिल्ली और मॉस्को दोनों जगहों पर रूसी अधिकारियों के समक्ष भी इस मामले को उठाया है और अनुरोध किया कि इसे खत्म किया जाए और हमारे नागरिकों को कार्यमुक्त किया जाए। हम प्रभावित भारतीय नागरिकों के परिवारों के संपर्क में भी हैं। हम एक बार फिर सभी भारतीय नागरिकों से रूसी सेना में शामिल होने के किसी भी प्रस्ताव से दूर रहने का पुरजोर आग्रह करते हैं, क्योंकि यह खतरों से भरा रास्ता है।
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 15 September 2025 at 17:32 IST