Published 13:04 IST, September 25th 2024
मेक इन इंडिया के 10 साल; मैन्युफैक्चरिंग, जॉब से स्मार्टफोन तक... PM मोदी के विजन ने क्या-क्या बदला?
2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से शुरू की गई ये पहल कई क्षेत्रों के लिए परिवर्तनकारी रही है। खासकर मैन्युफैक्चरिंग परिदृश्य में इससे क्रांति आई है।
Make In India: आज मेक इन इंडिया (Make In India) पहले के 10 साल पूरे होने का जश्न मनाया जा रहा है। कतई दरकिनार नहीं किया जा रहा है कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से शुरू की गई ये पहल कई क्षेत्रों के लिए परिवर्तनकारी रही है। खासकर मैन्युफैक्चरिंग परिदृश्य में इससे क्रांति आई है। ये कहना भी गलत नहीं है कि पिछले एक दशक में Make In India पहल एक राष्ट्रीय शक्ति बनी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस खास मौके पर कहते हैं- 'आज हम मेक इन इंडिया के 10 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। मैं उन सभी लोगों को बधाई देता हूं जो पिछले एक दशक से इस अभियान को सफल बनाने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। मेक इन इंडिया हमारे देश को मैन्युफैक्चरिंग और इनोवेशन का सेंटर बनाने के लिए 140 करोड़ भारतीयों के सामूहिक संकल्प को दर्शाता है। ये उल्लेखनीय है कि अनेकों सेक्टर में निर्यात कैसे बढ़ा है, क्षमताएं निर्मित हुई हैं और अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है।' प्रधानमंत्री कहते हैं- 'भारत सरकार हर संभव तरीके से Make In India को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। सुधारों में भारत की प्रगति भी जारी रहेगी। हम सब मिलकर एक आत्मनिर्भर और विकसित भारत का निर्माण करेंगे।'
फिलहाल सवाल ये है कि पिछले 10 साल की उपलब्धियां क्या हैं? मेक इन इंडिया पहल ने देश में क्या-क्या बदला है? इससे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में किस तरह के बदलाव आए हैं? इसको जानना आज के दिन जरूरी हो जाता है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने इस विजन को बड़े स्तर पर एक अभियान के रूप में आगे बढ़ाया है।
मेक इन इंडिया से क्या-क्या हासिल हुआ?
- मेक इन इंडिया वैक्सीन: भारत ने कोविड वैक्सीन बनाई। देश में वैक्सीन का कवरेज सुनिश्चित किया। भारत वैक्सीन का एक बड़ा निर्यातक भी बना।
- मेक इन इंडिया के तहत स्मार्टफोन सेक्टर में क्रांति आई है। पूरी दुनिया में भारत दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल मैन्युफैक्चरर बना है। मेक इन इंडिया 99 प्रतिशत स्मार्टफोन अब भारत में बनते हैं। मेक इन इंडिया' पहल के शुभारंभ से पहले 2014-15 में देश का मोबाइल आयात 48,609 करोड़ रुपये था, जो 2023-24 में घटकर 7665 करोड़ रुपये रह गया।
- मेक इन इंडिया से रोजगार में बढ़ोतरी हुई। 6.78 लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा हुईं। 2022 से 2024 तक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की नौकरियों में 200 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साल दर साल डायरेक्ट जॉब्स में वृद्धि हुई है, जो 2021 में 29.83 मिलियन से बढ़कर 2023 में 35.65 मिलियन हो गईं।
- मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज में वृद्धि के लिए 27 सेक्टर जुड़े। पीआईएल योजनाओं के तहत 1.97 लाख करोड़ का निवेश आया। 8 लाख नौकरियां पैदा हुईं।
- पीएम गति शक्ति और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के तहत राष्ट्र परिवर्तन के लिए मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स लागत में 10 प्रतिशत की कमी का लक्ष्य रखा गया। औद्योगिक गलियारे को लेकर काम हुए, जिसमें प्रतिस्पर्धी ग्रीनफील्ड क्षेत्रों को विकसित करने के लिए 11 गलियारे और 32 परियोजनाएं शामिल हैं।
- स्टार्टअप इंडिया के माध्यम से इनोवेशन को बढ़ावा देना और विश्व स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा तकनीक संचालित स्टार्टअप इकोसिस्टम शामिल हैं। 45 प्रतिशत स्टार्टअप टियर 2 और 3 शहरों से हैं। 2014 से अब तक 1 करोड़ से अधिक पेटेंट दिए गए हैं।
- उद्यम पोर्टल के माध्यम से 4.91 करोड़ से अधिक एमएसएमई रजिस्टर्ड हुए, जिनमें 1.85 करोड़ महिला स्वामित्व वाली एमएसएमई भी शामिल हैं। 21.17 करोड़ नौकरियां पैदा कीं और 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद में 30.1 का योगदान दिया।
- भारत का रक्षा उत्पादन 2023-24 में 1.27 लाख करोड़ तक पहुंच जाएगा।
- नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में भारत विश्व स्तर पर चौथे स्थान पर है।
मेक इन इंडिया पहल पर क्या बोले नेता?
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल कहते हैं- 'मेक इन इंडिया ने एक मजबूत नींव रखी है, जो 2047 तक विकसित भारत बनने की दिशा में राष्ट्र की महत्वाकांक्षी यात्रा के लिए मंच तैयार कर रही है।' केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा का कहना है- 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया की दूरगामी सोच न्यू इंडिया में एक नई क्रांति लेकर आई है, जो कि इनोवेशन और मैन्युफैक्चरिंग को भारी प्रोत्साहन दे रहा है।'
भारतीय जनता पार्टी इसको परिवर्तनकारी विकास का प्रतीक बताती है। बीजेपी के नेता अमित मालवीय कहते हैं- 'मेक इन इंडिया की 10वीं वर्षगांठ एक दशक के परिवर्तनकारी विकास का प्रतीक है, जिसने देश को आत्मनिर्भरता और एक जीवंत अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर किया है। पिछले कुछ सालों में इस पहल ने बहुत अधिक गति उत्पन्न की है, निवेश बढ़ रहा है और विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार फल-फूल रहे हैं। मेक इन इंडिया से संबंधित एक प्रमुख सुधार में उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना शामिल है, जिसने विनिर्माण को बढ़ावा देने और लाखों नौकरियों के सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसने व्यापार करने में आसानी को बढ़ाया है और वैश्विक खिलाड़ियों को आकर्षित किया है, जिससे भारत के विकास पथ को नया आकार मिला है।'
Updated 13:04 IST, September 25th 2024