shivling par bel patra chadhane ka sahi tarika

अपडेटेड 3 July 2025 at 16:35 IST

Sawan 2025: क्या आप जानते हैं शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ाने का सही तरीका? कहीं आप भी तो नहीं कर रहे भोलेनाथ को नराज

हिंदू धर्म में बेल पत्र का महत्व अधिक माना जाता है। भगवान शिव को इसे चढ़ाने से सभी तरह संकट टल जाती व घर में सुख-शांति बनी रहती है। बता दें कि कहा जाता है कि भगवान शिव सबसे जल्द ही प्रसन्न होने वाले देवताओं में से एक हैं और अपने भक्तों पर हमेशा अपनी कृपा बनाकर रखते हैं। बेल पत्र को शिवलिंग पर चढ़ाने के भी कई नियम होते हैं। आइए जानते हैं शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने का सही तरीका क्या है-

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बेल पत्र को शिवलिंग पर चढ़ाने के फायदे 

बेल पत्र में सभी सिद्धियों का वास माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि बेल पत्र के पेड़ के नीचे बैठकर किसी भी तरह का पूजा-पाठ करने से फल अनंत गुना बढ़ जाता है। 

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बेल पत्र कब नहीं तोड़ना चाहिए?

शिवपुराण के अनुसार चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी, अमावस्या, संक्रांति और सोमवार के दिन इसे नहीं तोड़ना चाहिए। 

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कैसे करें बेल पत्र की सही पहचान?

बेल पत्र हमेशा तीन पत्तों वाला होना चाहिए। इससे कम पूजा-पाठ के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता है। 

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कैसे करें शिवलिंग पर बेल पत्र अर्पित?

बेल पत्र को हमेशा विषम संख्या में अर्पित करें, जैसे 3,7,11 या 211। साथ ही, ध्यान रहे कि बेल पत्र का चिकना भाग नीचे की ओर आए। 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें। 

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न चुनें ऐसा बेल पत्र

कटे-फटे या दाग-धब्बों वाले बेल पत्र को कभी भी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए अन्यथा यह नकारात्मक प्रभाव लेकर आ सकता है। 

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शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ाते समय रखें इन बातों का ध्यान

सबसे पहले बेल पत्र को पानी से धो लें और इस पर चंदन के साथ गंगाजल मिलाकर टीका जरूर लगाएं। 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Samridhi Breja

पब्लिश्ड 3 July 2025 at 16:35 IST